देश में दिन प्रतिदिन भ्रष्टाचार के नित नए मामले प्रकाश में आ रहे है | जिससे दुनिया में भारत की बहुत किरकरी हो रही है जिसके कारन देश की आन और शान पर खतरा मंडरा रहा है, अब बात ये की इस केंसर रुपी बीमारी को कैसे दूर किया जाये इसको लेकर देश एक पहल की जरुरत है ..... इसके लिए अखिल भारतीय पत्रकार द्वारा आयोजित एक प्रतियोगता आयोजित की गई थी जिसमे भ्रष्टाचार को भारत से दूर करने लिए पत्रकारिता के छात्रों द्वारा लेख हम आपके सामने कड़ी दर कड़ी आपके सामने पेश करेंगे .. तो आज पेश है दिल्ली विशाविध्यालय में रामलाल आनंद कालेज से पत्रकारिता का अध्यन कर रहे नितेश कुमार राय का लेख प्रस्तुत है....
भारत को भ्रष्टाचार पूरी तरह से जकड़ चुका है। चपरासी से लेकर बड़े-बड़े अधिकारी और नेता तक भ्रष्टाचार में लिप्त है। ऐसे में भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त कराना कठिन कार्य है। भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के लिए सर्वप्रथम देश के प्रत्येक नागरिक को व्यक्तिगत दृढ़संकल्प लेना होगा कि वह न तो कभी भ्रष्टाचार करेगा और न ही भ्रष्टाचार को देखकर कभी चुप बैठेगा तब जाकर भारत को इस रोग से बचाया जा सकता है।
भ्रष्टाचार से निबटने के लिए देश के नागरिको को शिक्षित करने के साथ-साथ उनके अधिकारों व कर्तव्यों की शिक्षा भी देनी होगी। आज भारतीयों के मानवीय मूल्यों और नैतिक मूल्यों में गिरावट आ गयी है जिसके कारण लोगों में भ्रष्टाचार करने की प्रवृति बढ़ गयी है। भ्रष्टाचार करने वाले लोगों की ज्वाबदेही सुनिश्चित की जाये तथा उन पर तुरंत कार्यवाही की जानी चाहिए। ऐसा कृत्य करने वालों के लिए नियम और कानून कठोर होने चाहिए कि वह कोई भी समाजविरोधी कार्य करने से पहले एक बार सोचने को मजबूर हो। ऐसे मामलों का निपटारा एक निश्चित समय में किया जाना चाहिए।
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को लोगों के लिए और भी आसान बनाया जाना चाहिए। आजकल इस अधिकार का उपयोग करने वाले लोगों को भ्रष्टाचारियों द्वारा जान-माल की धमकियाँ दी जा रही है। ऐसे में इस अधिकार का उपयोग करने वाले लोगों का नाम-पता गोपनीय रखने के लिए एक अलग विभाग की स्थापना की जानी चाहिए ताकि इस विभाग के माध्यम से लोग इस अधिकार का उपयोग भ्रष्टाचार को रोकने में कर सके।
आज भारत में युवाओं की एक बहुत बड़ी फौज तैयार है।भ्रष्टाचार से भारत को मुक्त कराने में युवाओं के सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है। युवा ही देश का भविष्य है।क्योंकि आज का युवा ही कल का चपरासी से लेकर अधिकारी, नेता और प्रधानमंत्री बनेगा। ऐसे में जब तक इस कार्य को युवा अपनें हाथ में नही लेगा तब तक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा पाना नामुमकिन है।
भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए सरकार को चाहिए कि आम नागरिकों, समाजसेवकों और बुद्धजीवियों को मिलाकर एक ऐसे संगठन का निर्माण करे जो भ्रष्टाचाार के खिलाफ निगरानी का कार्य करे। इस संगठन में किसी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप न हो। यह संगठन सिर्फ न्यायपालिका के प्रति ज्वाबदेह हो। इस संगठन का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ सामाजिक होना चाहिए। इस संगठन के पदाधिकारियों का चुनाव लोकतंात्रिक तरीके से हो। इस संगठन का सदस्य वह भारत का हर नागरिक हो सकता है जो भ्रष्टाचार से लड़ने में देश की सेवा निः स्वार्थ भाव से करना चाहता हो। संगठन का कार्य भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना हो तथा उसकी शिकायत सीधे न्यायपालिका को करना चाहिए। ऐसे शिकायतों को फास्ट ट्रैक अदालतों के जरिए तुरंत निबटाना चाहिए।
अतः भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के लिए देशवाशियों को स्वयं दृढ़संकल्प लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना होगा।
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