Saturday, August 14, 2010

डी यू के रिजल्ट देरी होने से छात्रों में गहरा आक्रोश

डी यू के लगभग सभी कोर्से रिजल्ट  घोषित किये जा चुके है लेकिन डी यू में ४ कॉलेज में चलने वाले एक मात्र पाठ्यक्रम पत्रकारिता का परिणाम अभी तक नहीं घोषित हुआ है. जिसके कारन इस पाठ्यक्रम में पड़ने वाले छात्र काफी परेशां है |
परिणाम आने की देरी को लेकर डी यू के छात्र ऑरकुट ( SOCIAL NETWORKING WEBSITE ) पर कुछ  अपनी मन की बाते जाहिर की है तो पेश है कुछ अंश 
says ""now its enough, ab main kabhi DU ka website check nahi karunga..
says "ho gaye pyaase result ke....jaane kab aayega...du k patrakaarita vibhaag me mach gaya haahakaar"

ŚÁČℋℐஇ • » αηgєℓιzє∂ ∂єνιℓ « •hehehe shabash ladke ek line mein saari feelings describe kr di..


says "apna result kab ayega??????????????"

RAKESH RANJANaaega bhai, ek din.....................
ATUL ***WARNING: Result Ahead***abe kabhi bhi aae... ab main tang ho gaya hun... exam se pehle bhi itni tension nahi hoti thi...
rohit IIMC'iansite check kr kar ke site hi bhul gya hu .....
rohit IIMC'ianlgta hai du walo ko pgaar nahi mili isliye karmchaari site per result release nahi kar rahe ... ab unhe kon samjaye unki pgaar hum nahi kalmadi kha gya..

says "waiting 4 RESULT............"

rohit IIMC'ianme too......

अभी डी यू के पत्रकारिता विभाग के विशास्निये सूत्रों से जानकारी मिली है इस  पाठ्यक्रम  का परिणाम १७ व २१ को घोषित किया जा सकता है 

Thursday, August 5, 2010

मीडिया खबर डाट कॉम पर भीम राव आंबेडकर कॉलेज की प्रतिभा -

दिव्या तोमर ने ज्वाइन किया आई बी एन 7
फरेवेल  के दोरान दिव्या  तोमर  जी की फोटो- निहाल सिंह 
दिल्ली विसविध्यालय में पत्रकारिता कोर्से में एक कृतिमान हासिल पहेले से ही है | क्योकि दिल्ली विशाविध्य्लाये के भीम  राव आंबेडकर कॉलेज ने इस कोर्से की नीव सन १९९४ में राखी गई थी जब ये कॉलेज गीता कालोनी में चलता था;  फिर इसकी नई ईमारत का निर्माण वजीराबाद रोड दिल्ली -५३ में हो गया और अब यही पर विद्याथियो को पढाया जा रहा है; या इस कॉलेज का सोभाग्य ऐसा है की इस  कॉलेज से लोग पढ़कर अपने अपने छेत्र में काफी सहर्निये काम कर रहे है |
यह पहली बार नहीं हुआ है की भीम राव आंबेडकर कॉलेज से  पत्रकारिता का छात्र किसी बड़े चैनल  में किसी को जॉब मिली हो  पहेले भी रीमा पराशर ( आज तक ), संजय नंदन ( स्टार न्यूज़ ) विकास कौशिक ( इंडिया टीवी ) और राजेश सर ( नव भारत ) और ADHI लोग   काम कर रहे है , और इसी कड़ी  में जुड़ गया  एक और नाम दिव्या तोमर एक ऐसी  छात्रा जिसको देखने से ही लगता था की ये कुछ न जरुर करके दिखाएंगी और उन्होंने ऐसा कर दिखया दिव्या जी के क्लास के बाकी लोग भी काफी प्रतिभा साली है  | मेरी उनसे पहले मुलाकात पिछले वर्ष  भीम राव आंबेडकर कॉलेज में हुई जब मैंने आंबेडकर कॉलेज में पत्रकारिता में दाखिला लिया था और सब से पहले उनी से मेरा परिचय हुआ था | वह सुरुवात से हमे कुछ करने का हौसला देती रहती  है जिनके कारन आज भी भीम राव आंबेडकर के छात्र आपको बहुत याद करते है , उनोहोने  कॉलेज में कई कृति मान इस्थापित किये तथा कई अवार्ड भी जीते जिसकी लिस्ट काफी लम्बी है | वह वर्ष २००९ में चेतना ( कॉलेज पत्रिका ) की हिंदी छात्र संपादक भी रही थी |
वीरवार की शाम कॉलेज से आने के बाद में  इन्टरनेट पर काम कर रहा था तभी मैंने मीडिया संस्थानों की खबर रखने वाली वेबसाइट मीडिया खबर  जिसने हाल ही में अपने २ वर्ष पुरे किये है पर पहुंचा और उसे पढने लगा  क्योकि में दिव्या जी का जुनिओर  हु तो इसलिए  मुझे ये पहेले ही पता चल गया था की दिव्या जी ने  IBN-7  ज्वाइन कर लिया है पर पुस्ती नहीं प् रही थी, इसलिए में मीडिया खबर की वेबसाइट को पढता हु की ऐसा हुआ है तो जरुर मीडिया खबर से ये जानकारी मुझे मिल जाएगी और ऐसा ही हुआ मैंने देखा की मीडिया खबर पर लिख हुआ था की दिव्या तोमर ने IBN-7 ज्वाइन  कर लिया है इसे पढ़कर बहुत खुसी हुई | दिव्या जी आपकी ढेरो सुभकामनाए ********************

Sunday, August 1, 2010

मन करता है कुछ लिखू



मन करता है कुछ लिखू 
फिर सोचता हु की क्या लिखू
उनके लिए लिखू जिन्हें सुबह के खाने क बाद शाम के खाने का पता नहीं होता 
या उनके लिए लिखू जो जिन्हें सुबह खाने के बाद शाम का खाना पहेले से ही उनका इन्तजार करता है|||||
फिर मन करता है की कुछ लिखू 
की सोचता हु की ऐसा लिखू की
 शायद इस देश में  ऐसा हो जाये 
रात को कोई माँ और उसका बच्चा भूखा न सो जाये |||
जिसके वजह से माँ की आँख में अपने लाल के लिए कभी आशु न आये 
मन करता है की कुछ लिखू 
फिर सोचता हु की क्या लिखू 
ऐसा लिखू जो दूसरो के काम आये 
या ऐसा लिखू जो इतिहास बन जाये ||
मन करता है की कुछ लिखू 
फिर सोचता हु की क्या लिखू 
फिर थोड़ी ख़ुशी आती और मन कहता है 
कोई तो  आये जो मेरे मन को समझाये |||
की दिल की बात दिल में न रह जाये 
अभी समय है पता नहीं कल आये या न आये
कल ईशवर ने तुजे बुला लिया तो 
कही धरती पर आने  का मकशद  पूरा हो पाए 
और फिर आने वाले सालों में कई माँ कही बुखी न सो जाये |||
मन करता है कुछ  लिखू 
की सभी ऐसे बन जाए  की की कोई किसी निर्बल पर हावी न हो पाए ||||
मन कहता है की तू लिख जो 
और तू कर भलाई 
और तेरी सुनेगा कोई हिन्दुस्तानी भाई |||||
आएगी तेरी किस्मत में ऐसी खुसिया 
जो पहेले ही लिखी जा चुकी है
और होगा भला जो तू करेगा भला 
बस इतनी सी बात ,,,,,,,,,, थी मेरे मन में 
जो मेने आपसे कह दी है.........................




दिल्ली में स्थानीय स्वायत्त शासन का विकास

सन् 1863 से पहले की अवधि का दिल्ली में स्वायत शासन का कोई अभिलिखित इतिहास उपलब्ध नहीं है। लेकिन 1862 में किसी एक प्रकार की नगर पालिका की स्थ...