Wednesday, December 29, 2010

Hello Friends !!!
We will going to launch a new Hindi News Web Portal "LOKMANCH.COM" .बदलाव की आहट
You are cordially and heartly invited in this Inaugration Ceremony. 
Details are following...
Date -- 01 january २०११ 
Time -- 11 am
Venue -- 13, Firozshah Road, New Delhi near mandi house and patel chowk metro station..


नमस्कार दोस्तों !
हम एक नया हिंदी न्यूज़ वेब पोर्टल शुरू कर रहे हैं !
"लोकमंच.कॉम" बदलाव की आहट  नाम से ये पोर्टल शुरू हो रहा है  जो पत्रकारिता के मानकों के अनुसार सूचना का आदान प्रदान करेगा !! 
आप सभी इसके उद्घाटन समारोह में आग्रहपूर्वक सादर आमंत्रित हैं !
कार्यक्रम की जानकारियां इस प्रकार हैं --- 
तिथि -- शनिवार, 11 जनवरी 2011
समय -- प्रातः 11 बजे 
स्थान -- 13 फिरोजशाह रोड, नई दिल्ली मंडी  हाउस मेट्रो स्टेशन के निकट
    NIHAL SINGH
   9999470587
  RAMENDRA MISHRA
  9654285764

Sunday, December 26, 2010

कुछ ही समय पुरानी एक कहानी है

कुछ ही समय पुरानी एक कहानी है
दो दिलो के मिलने की एक अजीब सी कहानी है
जो आज आपसे बताने की मन की बात मानी है
पढते- पढते हुई जवा हुई थी एक प्रेम कहानी है
जब नहीं पाता था प्यार का असली अर्थ
जबकि ये हमारी कहानी है
 स्कूल में  दो दिलो के मिलने की
एक स्कूल में बनी थी ये प्रेम कहानी
एक दिन उनके परिचय से जब हमारा परिचय हुआ
छवि बनाई
कुछ दिनों बाद पार्क में मिलना हुआ
क्या वो दिन थे , जब हम साथ थे
दूर रहकर भी वो हमारे और हम उनके पास थे
मोहबत में कुर्बान कर दी हमने अपनी
आज फिर उनकी याद सता रही है
ये दिल की आवाज फिर उन्हें पुकार रही है
लगता है नाराज है वो हमसे
इस दिल की आवाज
नाराजगी का कारण को बतला दो
क्या खता हुई हमे ये तो समझा  दो
नहीं है समय तुमरे पास ये भी बताने का
बस अपनी दिल की नाराजगी तो समझा दो
में इन्तजार करूँगा तुमारा ...
फुर्सत मिले तो आ जाना मेरे दिल को आज भी है तुमारा इन्तजार ...

Wednesday, November 3, 2010

दीपावली से दिवाली का दौर



दीपावली से दिवाली का दौर 
दीपावली का अर्थ सामान्यत  दीपो को जलाकर खुशिया मानाने वाला त्यौहार माना जाता आ रहा है । क्योंकि  भारतीय ग्रंथो व पुराणों की माने तो १४ वर्ष का वनवास को पूरा करने के बाद पुरोशोतम श्री राम रावण का वध  तथा लंका पर विजय प्राप्ति के पश्चात वह अयोध्या लोटे थे , और इस दिन राम के अयोध्या लोटने की खुसी में अयोध्या वाशियों ने अपनी खुसी  जाहिर करने के लिए अपने-अपने घरो में घी के दीपक जलाये थे । जिससे सारी अयोध्या नगरी दीपो की रौशनी म डूब गई थी। 
दीपावली ने अपने कई दौर देखे है । इसमें एक दौर है  90 का जिसमे   हम मिटटी की बनी मूर्तियों की पूजा की जाती थी । व मिटटी के दीपक और सफेद रंग की मोटी मोमबत्ती को जलाया जाता था। और राम के भक्ति संगीत का भी आयोजन किया जाता था, लेकिन जैसे जैसे दीपावली से दीपावली शब्द दिवाली में सिकुड़कर छोटा हो गया है क्यांेकि आज कल जादातर देखा जाता है । कि लोग दीपावली को दिवाली बोलने लगे है, लेकिन वैसे वैसे ही दिवाली मानाने तरीके व रिवाजे में भी बहुत बड़ी संख्या में  बड़ा इजाफा हुआ  है।
चाइनीज दिवाली 
आज हम जब हम आधुनिक होने का दम भरते है । लेकिन  हम बिना चाइनीज वस्तुओ  के कोई भी त्यौहार नहीं मना  सकतें। अब हमारे दीपो की जगह चाइनीज  मोमबत्तिया व बिजली से चलने वाली लड़ियो ने  जगह ले ली है। और यहाँ तक की दीपावली पर जिन देवी -देवताआंे की पूजा की जाती है, वह देवी देवता भी भारतीओं के नहीं है। उनकी जगह भी चाइनीज मुर्तियो ने ले ली है।  अर्थात अब भगवान् भी हमारे  नही है, और इस  समय इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की हम कितने आधुनिक है ।  अब दिपावली भक्ति संगीत की जगह बॉलीवुड के  तेज धमक वाले गानों का दौर चल पड़ा है । खुशिया जाहिर करने के लिए मिठाइयाॅ बाटी जाती थी, लेकिन मिलावट खोरी के चलते अब हम मिठाइयो की  जगह पर हम कुरकुरे व मुह मीठा करने के लिए चोकलेट व स्नेक्स का भी सहारा ले लेते है
                                                                                                           -निहाल सिंह








Thursday, September 30, 2010

बटोरने की लड़ाई

जैसा कि सबको पता है की ३० सितम्बर २०१० इतिहास बन गया है क्योकि लगभग वर्षो पहले सुरु हुए विवाद का हल आज आगया है और अयोध्या और देश में रहने वाले हर धर्म के नागरिक ने फैसले को स्वीकार करते नजर आ रहे है.और एक रहत भारी साँस ली है क्योकि देश में साम्पदायिक भड़कने की चिंता थी लेकिन अब हर भारतीय एक नए भारत की और बाद रहा है तो उसे अब भारत की न्यायपालिका  पर भरोषा होना भी जायज है|  
लेकिन इस दिन मीडिया चैनेलो में जो टी आर पी बटोरने की होड़ अलग ही दिखाई पड़ रही थी हलाकि सभी मीडिया चैनल टी आर पी  के लिए ही तो ये सब करते है |
लेकिन ३० सितम्बर  को  जो होड़ सभी मीडिया  चैनलो में दिखाई पड़ रही थी वो देखने लायक थी |
अपनी सीमा में रहा मीडिया 











अगर एक दो चैनलो की बात न करे तो लगभग सभी बड़े मीडिया चैनल अपनी सीमा के अन्दर रिपोटिंग करते नजर आये  लेकिन टी आर पी के खेल में फैसला आने से पहले कोई फैसला आने से लगभग १० मिनट पहले ही ५ मिनट में आने वाला है फैसला की फ्लेश लाइन चलाकर दर्शको को दुसरे चैनल पर न जाने पर कामयाब रहा. और कोई ८ विंडो की लाइव खबर चलाकर कामयाब दिख रहा था लेकिन कुछ भी सही अपनी हद में रहकर रिपोटिंग होती नजर आ रही थी कोई मिर्च मशाला नहीं कोई तड़का नहीं ज्यो ज्यो ही परोश दिया दर्शको के सामने
                      

Monday, September 27, 2010

जन्म दिन कि हार्दिक सुभकामनाये

जन्म दिन कि हार्दिक सुभकामनाये
शहीद भगत सिंह का जन्म २७ /०९/१९०७ को हुआ इसलिए सभी भारत वाशियों कि तरफ से आपको हार्दिक सुभकामनाये
हमे आप जैसे धरती माँ के बेटे पर हमेशा  गर्व रहेगा |
चाहे भारत सरकार याद रखे या न रखे  हमे याद है आपका जन्म दिन ..........

Tuesday, September 7, 2010

अपना धर्म और ईमान भूले दिल्ली के सफदरगंज अश्पताल के डॉक्टर

अपना धर्म और ईमान भूले दिल्ली के सफदरगंज अश्पताल के डॉक्टर
जब किसी सरकारी कर्मचारी को देश कि सेवा करने का मौका दिया जाता है तो उससे एक सपथ ली जाती है कि वे देश में इमानदारी और अपने ईमान  को ध्यान में रखकर देश कि सेवा करेगा |
लेकिन शायद अब सफदरगंज  अश्पताल के डोक्टारो को वो सपथ याद नहीं है जिससे ये लगता है कि वे अप ईमान भूल चुके है
और जीने इस दुनिया में भगवान् का दर्जा दिया जाता है अब वो उन लोगो के लिए  सैतान बन चुके है जो लोग ( मरीज ) इलाज के लिए सफदरगंज  अश्पताल में इलाज के लिए इधर उधर भटक रहे है , कोई गर्भवती महिला  है और कोई राजधानी जब डेंगू  एक गंभीर रूप ले चूका है उस समय ये लगभग ७०० डॉक्टर और सभी महिला कर्मी भी अनिचित्कालिन हड़ताल पर चले गए है  , जैसे इन्हें अपने देश की सेवा करने की जो शपथ ली थी इन्हें उसकी कोई परवाह ही नहीं क्या प्रशासन ये भूल गया है की इस शपथ का पालन न  करने पर क्या कदम उठाया जाता  है
 खैर
दिल्ली में सुरक्षा कि मांग करने वाले  सफदरगंज  अश्पताल के के डाक्टरों  को भला अब कोन समझाए कि जिस राजधानी में प्रतिदिन लूटपाट और बलात्कार और चोरी डकेती होती काफी बड़ी मात्र में होती हो |
और जिस  राजधानी में सिर्फ हम उन घटनाओ के सिर्फ मुल्दर्शक बनकर रह जाते है और सरकार सिर्फ कार्यवाही तथा तफ्तीश के वादे करती हो उस राजधानी की सरकार से आप अपने सुराचा के लिए कैसे भरोषा कर सकते है , और जिस देश के बच्चे - बच्चे को जहा पैसे से हर काम हो जाता हो इन पर आप क्या भरोषा करेंगे  |
चलो माना की हॉस्पिटल में आपको मरीजो के परिजनों से दर लगता है लेकिन आप ये सोचिये  की घर में आप किस किस से डरते है ( कही चोरी न हो जाए ) ये दर तो आपको कभी न कभी तो लगता ही होगा
ये सब छोड़िए अब आप अपने इस देश की पब्लिक द्वारा दिए गए सम्मान यानि भगवान् के रूप को धारण कीजिये और और अपने फ़र्ज़ निभाइए नहीं तो आप जानते ही है की जब इंसान का विश्वाश भगवान् से उठता है वो क्या करने प[आर मजबूर होता है |

Friday, September 3, 2010

एक पोस्ट दोस्तों के नाम

ये तो छोटी सी छवि है मेरे दोस्तों की इसकी लिस्ट काफी लाभी है अगली
पोस्ट में और छविय देने की कोसिस की जाएगी 
एक पोस्ट दोस्तों के नाम
दोस्तों आपने दुनिया में दोस्तों के बहुत सी मिशाले सुनी व देखी होंगी में भी एक मिशाल आपके सामने रखने जा रहा हु  की ये मिशाल भी  कृष्ण और सुदामा   की दोस्ती से कम  नहीं हो सकती
बस फर्क इनता है की वो दोस्ती सतयुग में हुई थी और इस समय हमारी दोस्ती कलयुग में हुई है, ये अपने आप में एक खुद आच्मे वाली बात है मेरे दोस्त इस समय भी मुझसे दोस्ती निभा रहे है पाता नहीं में निभा पा रहा हु या नहीं ये बात मुझे भी नहीं पता
लेकिन मेरे दोस्त दोस्ती सही ढंग से निभा रहे है
एक ऐसा ही उदहारण आपको हाल का ही सुनाता हु में पत्रकारिता का  छात्र हु और में इस वर्ष कॉलेज की चुनावी जंग में कुंद गया जिसमे मेरे दोस्तों में मुझसे जादा महनत की और हम कामयाब भी हुए हमें बहुत से लोगो से प्यार और सहयोग मिला में उनका सुकर्यादा करता हु जिन्होंने मुझे इस लायक समझा और मुझे सहयोग किया
मुझे हार जीत से कोई फर्क नहीं पड़ता किसी विद्वान् ने कहा है की हार जीत कोई मायने नहीं रखती में मैदान में उतरने वाला भी महान होता है इस वाकये से में अपने को महँ नहीं कह रहा हु में बस ये बोलने  का प्रयास कर रहा हु की  हार जीत तो एक ही सिक्के के दो पहलू है बस  हमे तो आगे बदना जिन्दगी बहुत बड़ी है
मुझे इस बात हा दुःख नहीं है की में अपने चुनावों में हार गया मुझे दुःख इस बात का की मेरे दोस्तों की महनत ख़राब हो गई|
और हा जाते जाते दोस्त किसी बही से कम नहीं होते और दोस्तों की तस्वीरे देखने के लिए आप इस लिंक पर क्लीक  करे PAR
आगे तस्वीरे लगे जाएँगी अभी न लगा पाने के लिए माफ़ी क्योकि तस्वीरों अबी किसी कारन लग नहीं पाई है


अभी बाकी है अगली पोस्ट में ....................

Saturday, August 14, 2010

डी यू के रिजल्ट देरी होने से छात्रों में गहरा आक्रोश

डी यू के लगभग सभी कोर्से रिजल्ट  घोषित किये जा चुके है लेकिन डी यू में ४ कॉलेज में चलने वाले एक मात्र पाठ्यक्रम पत्रकारिता का परिणाम अभी तक नहीं घोषित हुआ है. जिसके कारन इस पाठ्यक्रम में पड़ने वाले छात्र काफी परेशां है |
परिणाम आने की देरी को लेकर डी यू के छात्र ऑरकुट ( SOCIAL NETWORKING WEBSITE ) पर कुछ  अपनी मन की बाते जाहिर की है तो पेश है कुछ अंश 
says ""now its enough, ab main kabhi DU ka website check nahi karunga..
says "ho gaye pyaase result ke....jaane kab aayega...du k patrakaarita vibhaag me mach gaya haahakaar"

ŚÁČℋℐஇ • » αηgєℓιzє∂ ∂єνιℓ « •hehehe shabash ladke ek line mein saari feelings describe kr di..


says "apna result kab ayega??????????????"

RAKESH RANJANaaega bhai, ek din.....................
ATUL ***WARNING: Result Ahead***abe kabhi bhi aae... ab main tang ho gaya hun... exam se pehle bhi itni tension nahi hoti thi...
rohit IIMC'iansite check kr kar ke site hi bhul gya hu .....
rohit IIMC'ianlgta hai du walo ko pgaar nahi mili isliye karmchaari site per result release nahi kar rahe ... ab unhe kon samjaye unki pgaar hum nahi kalmadi kha gya..

says "waiting 4 RESULT............"

rohit IIMC'ianme too......

अभी डी यू के पत्रकारिता विभाग के विशास्निये सूत्रों से जानकारी मिली है इस  पाठ्यक्रम  का परिणाम १७ व २१ को घोषित किया जा सकता है 

Thursday, August 5, 2010

मीडिया खबर डाट कॉम पर भीम राव आंबेडकर कॉलेज की प्रतिभा -

दिव्या तोमर ने ज्वाइन किया आई बी एन 7
फरेवेल  के दोरान दिव्या  तोमर  जी की फोटो- निहाल सिंह 
दिल्ली विसविध्यालय में पत्रकारिता कोर्से में एक कृतिमान हासिल पहेले से ही है | क्योकि दिल्ली विशाविध्य्लाये के भीम  राव आंबेडकर कॉलेज ने इस कोर्से की नीव सन १९९४ में राखी गई थी जब ये कॉलेज गीता कालोनी में चलता था;  फिर इसकी नई ईमारत का निर्माण वजीराबाद रोड दिल्ली -५३ में हो गया और अब यही पर विद्याथियो को पढाया जा रहा है; या इस कॉलेज का सोभाग्य ऐसा है की इस  कॉलेज से लोग पढ़कर अपने अपने छेत्र में काफी सहर्निये काम कर रहे है |
यह पहली बार नहीं हुआ है की भीम राव आंबेडकर कॉलेज से  पत्रकारिता का छात्र किसी बड़े चैनल  में किसी को जॉब मिली हो  पहेले भी रीमा पराशर ( आज तक ), संजय नंदन ( स्टार न्यूज़ ) विकास कौशिक ( इंडिया टीवी ) और राजेश सर ( नव भारत ) और ADHI लोग   काम कर रहे है , और इसी कड़ी  में जुड़ गया  एक और नाम दिव्या तोमर एक ऐसी  छात्रा जिसको देखने से ही लगता था की ये कुछ न जरुर करके दिखाएंगी और उन्होंने ऐसा कर दिखया दिव्या जी के क्लास के बाकी लोग भी काफी प्रतिभा साली है  | मेरी उनसे पहले मुलाकात पिछले वर्ष  भीम राव आंबेडकर कॉलेज में हुई जब मैंने आंबेडकर कॉलेज में पत्रकारिता में दाखिला लिया था और सब से पहले उनी से मेरा परिचय हुआ था | वह सुरुवात से हमे कुछ करने का हौसला देती रहती  है जिनके कारन आज भी भीम राव आंबेडकर के छात्र आपको बहुत याद करते है , उनोहोने  कॉलेज में कई कृति मान इस्थापित किये तथा कई अवार्ड भी जीते जिसकी लिस्ट काफी लम्बी है | वह वर्ष २००९ में चेतना ( कॉलेज पत्रिका ) की हिंदी छात्र संपादक भी रही थी |
वीरवार की शाम कॉलेज से आने के बाद में  इन्टरनेट पर काम कर रहा था तभी मैंने मीडिया संस्थानों की खबर रखने वाली वेबसाइट मीडिया खबर  जिसने हाल ही में अपने २ वर्ष पुरे किये है पर पहुंचा और उसे पढने लगा  क्योकि में दिव्या जी का जुनिओर  हु तो इसलिए  मुझे ये पहेले ही पता चल गया था की दिव्या जी ने  IBN-7  ज्वाइन कर लिया है पर पुस्ती नहीं प् रही थी, इसलिए में मीडिया खबर की वेबसाइट को पढता हु की ऐसा हुआ है तो जरुर मीडिया खबर से ये जानकारी मुझे मिल जाएगी और ऐसा ही हुआ मैंने देखा की मीडिया खबर पर लिख हुआ था की दिव्या तोमर ने IBN-7 ज्वाइन  कर लिया है इसे पढ़कर बहुत खुसी हुई | दिव्या जी आपकी ढेरो सुभकामनाए ********************

Sunday, August 1, 2010

मन करता है कुछ लिखू



मन करता है कुछ लिखू 
फिर सोचता हु की क्या लिखू
उनके लिए लिखू जिन्हें सुबह के खाने क बाद शाम के खाने का पता नहीं होता 
या उनके लिए लिखू जो जिन्हें सुबह खाने के बाद शाम का खाना पहेले से ही उनका इन्तजार करता है|||||
फिर मन करता है की कुछ लिखू 
की सोचता हु की ऐसा लिखू की
 शायद इस देश में  ऐसा हो जाये 
रात को कोई माँ और उसका बच्चा भूखा न सो जाये |||
जिसके वजह से माँ की आँख में अपने लाल के लिए कभी आशु न आये 
मन करता है की कुछ लिखू 
फिर सोचता हु की क्या लिखू 
ऐसा लिखू जो दूसरो के काम आये 
या ऐसा लिखू जो इतिहास बन जाये ||
मन करता है की कुछ लिखू 
फिर सोचता हु की क्या लिखू 
फिर थोड़ी ख़ुशी आती और मन कहता है 
कोई तो  आये जो मेरे मन को समझाये |||
की दिल की बात दिल में न रह जाये 
अभी समय है पता नहीं कल आये या न आये
कल ईशवर ने तुजे बुला लिया तो 
कही धरती पर आने  का मकशद  पूरा हो पाए 
और फिर आने वाले सालों में कई माँ कही बुखी न सो जाये |||
मन करता है कुछ  लिखू 
की सभी ऐसे बन जाए  की की कोई किसी निर्बल पर हावी न हो पाए ||||
मन कहता है की तू लिख जो 
और तू कर भलाई 
और तेरी सुनेगा कोई हिन्दुस्तानी भाई |||||
आएगी तेरी किस्मत में ऐसी खुसिया 
जो पहेले ही लिखी जा चुकी है
और होगा भला जो तू करेगा भला 
बस इतनी सी बात ,,,,,,,,,, थी मेरे मन में 
जो मेने आपसे कह दी है.........................




Monday, July 19, 2010

एक और रेल हादसा कसूरवार कौन ? ???????????


एक के बाद रेल हादसे बंद होने का नाम नहीं ले रहे है, और एक के बाद बेगुनाहों की जान जाती जा रही है | इससे रेल मंत्रालय को कोई असर नहीं पड़ता उसे तो बस रेल हादसों पर कड़ी निंदा जतानी है और लाख -२ लाख का मुआवजे का ऐलान करके अपना पल्ला साफ़ कर के अलग हो जाना है, आइये जानते पिछले बीते सालों में हुए रेल हादसों की सूची

देश में कुछ प्रमुख ट्रेन हादसों काघटनाक्रम इस प्रकार है:

  • 9 नवंबर, 2006: पश्चिम बंगाल रेल दुर्घटना में 40 लोगों की मौत, 15 घायल.

    1 दिसंबर, 2006: आपके के भागलपुर जिले में 150 साल पुराने पुल को तोड़ते समय एक हिस्सा ट्रेन पर गिरने से 35 लोगों की मौतहोगयी जबकि 17 घायल हो क.

    14 नवंबर, 2009: दिल्ली जा रही मंडोर एक्सप्रेस जयपुर के निकट बस्सी में पटरी से उतर गयी जिसका कुछ हिस्सा एसी आपके आपके में जाघुसा. दुर्घटना में 07 की मौत हो गेe जबकि 60 से अधिक घायल हो गये.

    21 अक्तूबर, 2009: उत्तर प्रदेश में उत्तर रेलवे के मथुरा वृंदावन सेक्शन पर वंजारा में गोवा एक्सप्रेस ने मेवाड़ एक्सप्रेस को टक्कर मार दीजिससे 22 लोगों की मौत हो गयी जबकि 26 अन्य घायल हो गये.

    2 जनवरी, 2010: घने कोहरे के कारण उत्तर प्रदेश में तीन ट्रेन दुर्घटनाओं में 15 लोगों की मौत हो गयी.

    16 जनवरी, 2010: उत्तर प्रदेश में घने के कारण कालिंदी एक्सप्रेस और श्रमशक्ति एक्सप्रेस की टक्कर में 03 लोगों की मौत हो गयीजबकि लगभग 12 अन्य घायल हो गये.

    28 मई, 2010: नक्सलियों की तोड़फोड़ की कार्रवाई के चलते ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतरी

    जिससे कम से कम 148 लोगों की मृत्यु हो गयी.

    10 सितंबर 2002: बिहार में कोलकाता नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस एक पुल के उपर पटरी से उतरी जिससे 120 लोग मारे गये.

    22 जून 2003: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में वैभववाड़ी स्टेशन को पार करने के बाद कारवार मुंबई सेंट्रल हालीडे स्पेशल ट्रेन पटरी से उतरी, 53 लोग मारे गये और 25 घायल.

    2 जुलाई 2003: आंध्र प्रदेश के वारंगल में एक ट्रेन का इंजन और उससे लगी दो बोगियां पुल से गिरी . 18 लोग मरे.

    27 फरवरी 2004: पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर में मानवरहित लेवल क्रासिंग पर गुवाहाटी जानेवाली कंचनजंगा एक्सप्रेस ने ट्रक कोटक्कर मारी जिससे 30 लोग मारे गये.

    15 दिसंबर 2004: पंजाब के जालंधर से करीब 40 किलोमीटर दूर एक स्थान पर अहमदाबाद जाने वाली जम्मू तवी एक्सप्रेस की एकलोकल ट्रेन की आमने सामने की टक्कर में 11 महिलाओं सहित 34 लोग मारे गये और 50 घायल हुए.

    18 अगस्त, 2006: सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के निकट चेन्नई-हैदराबाद एक्सप्रेस की दो बोगियों में आग लगी.

    3 दिसंबर 2003: पंजाब के सराय बंजारा और साधुगढ़ के बीच पटरी से उतरी मालगाड़ी को हावड़ा अमृतसर मेल ने टक्कर मारी . दुर्घटनामें 46 मारे गये और 130 से अधिक घायल हुए.

    5 जनवरी 2002: महाराष्ट्र में घातनादुर स्टेशन पर खड़ी एक मालगाड़ी को सिकंदराबाद मनमाड एक्सप्रेस ने टक्कर मारी जिससे 21 लोग मारे गये और 41 घायल हो गये.

    23 मार्च 2002: मध्य प्रदेश में नरसिंहपुर के पास पटना से मुंबई जा रही लोकमान्य तिलक सुपरफास्ट एक्सप्रेस की 13 बोगियां पटरीसे उतरी. इस हादसे में 07 घायल हुए.

    12 मई 2002: उत्तर प्रदेश में जौनपुर में नयी दिल्ली पटना श्रमजीवी एक्सप्रेस पटरी से उतरी. 12 यात्री मारे गये.

  • 4 जून 2002: रेल क्रासिंग के पास कासगंज एक्सप्रेस और एक बस की टक्कर में 34 मारे गये.

  • 9 सितंबर 2002: बिहार के औरंगाबाद जिले में हावड़ा दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस की एक बोगी धावे नदी में गिरी जिससे 100 यात्रीमारे गये और 150 घायल हुए.

    22 जून 2001: केरल के कोझिकोड के पास मंगलोर चेन्नई मेल कदालुंदी नदी में गिरी. इस हादसे में 40 लोग मारे गये.

इन रेल हादशो अब तक लगभग १००० के करीब लोग अपनी जान गवा चुके है तथा लगभग ८०० लोग घायल हो चुके है

ये आकडे काफी चोकाने वाले है जिससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है की भारतीय रेल में अब सफ़र करना खतरे से ख़ाली नहीं है|

अब लोगो के मन में सफ़र करने से पहले ये हद्शो की तस्वीरे तो जरुर उनके जहें में आती होगी जिससे लोगो अब कही ना कही भारतीय रेल में सफ़र करने से एक जरुर सोचेंगे

आखिरकार कब तक रेल मंत्री अपनी गलतियो को कब तक छुपाते रहेंगे

इसी सिलसिले आपसे सवाल है की aapke नजरिये से इन रेल हादसों का असली कसूरवार कौन है?


Friday, May 14, 2010

भविष्यवाणी

इंग्लेंड को क्रिकेट का जन्म दाता मना जाता है, और सन १९७५ से अंतरराष्टीय क्रिकेट की सुरुवात होती है और जब से लेकर अब तक बड़े आश्चर्य की बात है की क्रिकेट को जन्म देने वाले कभी भी कोई बड़ा खिताभ नहीं जीत पाए या तो इससे आश्चर्य मान लीजिये या इंग्लेंड की बद किस्मती की वह अभी तक ना तो कोई कोई विशव कप जीते है ना ही टी-२० कई कप्तान आये और गए लेकिन कोई बड़ी कामयाबी हासिल इस टीम ने नहीं की है
लेकिन अब ऐसा लगा रहा है की जो करिश्मा पिछले कई दसको से नहीं हुआ वो अब सन २०१० में हो जायेगा क्योकि श्रीलंका को हरा कर इंग्लेंड ने फ़ाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है, और अब ऐसा लग रहा है की सन २०१० इंग्लेंड के क्रिकेट इतिहास में सुनहरे सब्दो में लिखा जायेगा क्योकि उम्मीद यही है की इस वर्ष इंग्लेंड टी-२० कप जितने के बाद ही सास लेगा

और इस सब बैटन को देखते हुए ये भविष्य वाणी करनी गलत नहीं होगी की इंग्लेंड क्रिकेट में अपना इतिहास सुनहरे सब्दो में लिखने जा रहा है

दिल्ली में स्थानीय स्वायत्त शासन का विकास

सन् 1863 से पहले की अवधि का दिल्ली में स्वायत शासन का कोई अभिलिखित इतिहास उपलब्ध नहीं है। लेकिन 1862 में किसी एक प्रकार की नगर पालिका की स्थ...