जैसा कि सबको पता है की ३० सितम्बर २०१० इतिहास बन गया है क्योकि लगभग वर्षो पहले सुरु हुए विवाद का हल आज आगया है और अयोध्या और देश में रहने वाले हर धर्म के नागरिक ने फैसले को स्वीकार करते नजर आ रहे है.और एक रहत भारी साँस ली है क्योकि देश में साम्पदायिक भड़कने की चिंता थी लेकिन अब हर भारतीय एक नए भारत की और बाद रहा है तो उसे अब भारत की न्यायपालिका पर भरोषा होना भी जायज है|
लेकिन इस दिन मीडिया चैनेलो में जो टी आर पी बटोरने की होड़ अलग ही दिखाई पड़ रही थी हलाकि सभी मीडिया चैनल टी आर पी के लिए ही तो ये सब करते है |
लेकिन ३० सितम्बर को जो होड़ सभी मीडिया चैनलो में दिखाई पड़ रही थी वो देखने लायक थी |
अपनी सीमा में रहा मीडिया
अगर एक दो चैनलो की बात न करे तो लगभग सभी बड़े मीडिया चैनल अपनी सीमा के अन्दर रिपोटिंग करते नजर आये लेकिन टी आर पी के खेल में फैसला आने से पहले कोई फैसला आने से लगभग १० मिनट पहले ही ५ मिनट में आने वाला है फैसला की फ्लेश लाइन चलाकर दर्शको को दुसरे चैनल पर न जाने पर कामयाब रहा. और कोई ८ विंडो की लाइव खबर चलाकर कामयाब दिख रहा था लेकिन कुछ भी सही अपनी हद में रहकर रिपोटिंग होती नजर आ रही थी कोई मिर्च मशाला नहीं कोई तड़का नहीं ज्यो ज्यो ही परोश दिया दर्शको के सामने
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मन करता है कुछ लिखू फिर सोचता हु की क्या लिखू उनके लिए लिखू जिन्हें सुबह के खाने क बाद शाम के खाने का पता नहीं होता या उनके लिए लिखू ...
बात तो सही है, बिलकुल कोई मिर्च मसाला नहीं लगाया था उस दिन ख़बरों में...
ReplyDeleteवैसे एन.डी.टी.वी से हम भी चिपके हुए से थे उस दिन