Friday, April 17, 2015

तीन साल तक हजारों का जुर्माना भरा लेकिन मैंने नम्बर पोर्ट नहीं कराया

तीन  साल की लड़ाई के बाद आखिर आज मैं सफल ही हो गया.. सरकारी सिस्टम से पिछले तीन  साल से लड़ रहा था। दरअसल मामला मेरे मोबाइल कनेक्शन का था । एमटीएनएल ने मुझे लाख घटिया से घटिया सर्विस देने की कोशिश की लेकिन मैने अपना कनेक्शन किसी प्राईवेट कंपनी में पोर्ट कराने की बजाय सिस्टम से लड़ने की ठानी थी। करीब तीन साल पहले मैंने एमटीएनएल का पोस्टपेड कनेक्शन लिया था। लेकिन आज तक मुझे इसका बिल मेरे घर के पते पर नहीं मिला था। लेकिन जब आज डाकिया मेरे घर यह बिल वाला लैटर लेकर आया तो मुझे खुद पर गर्व होने लग गया। क्योंकि इस बिल को पाने के लिए न जाने में कितनी जनसुनावाई मैं जाकर इसकी शिकायत एमटीएनएल के अधिकारियों से की और न जाने कितनी बार मैंने कस्टूमर कॉल सैंटर पर फोन किया । वही ई-मेल का तो कहना ही नहीं, जब भी सरकारी सिस्टम से हताश होता तो एक ई-मेल एमटीएनएल को लिख देता कि जनाब मेरी यह समस्या है बिल घर पर नहीं आ रहा। बार-बार उनका एक ही जवाब आता की आपकी शिकायत आगे की कार्रवाई के लिए भेज दी है... अगले माह से आपकों यह समस्या नहीं होगी। लेकिन समस्या चलते-चलते करीब तीन साल हुए। 


लेकिन आज मुझे मेरा डिटेल एमटीएनएल का बिल मिल ही गया। इस बिल के लिए न जाने मैंने बिल जमा करने की तिथी निकलने के बाद बिल जमा किया और न कितने बार मैंने हजारों रुपए का जुर्माना भरा। लेकिन खुश हूं मैं वो जुर्माना भरकर की एमटीएनएल जैसे विभाग को मैने बिल भेजने पर मजबूूर कर दिया। 
मैं चाहता तो एक मैसेज से नम्बर पोर्ट करा सकता था, लेकिन मैने सोचा एक सरकारी विभाग नुक्सान में जा रहा है, अगर मैं इसका ग्राहक बना रहता तो कम से कम एमटीएनएल को कुछ तो लाभ होगा। इसलिए मैने ऐसा किया। हालांकि अभी भी बहुत समस्या है एमटीएनएल का नम्बर चलाने में। घर मैं नेटवर्क नहीं आते गली में बाहर निकलकर बात करनी पड़ती है। 
पर मुझे विश्वास है कि हम होंगे कामयाब 


-निहाल सिंह
8010302001
ई-मेल द्वारा की गई आखिरी शिकायत इस प्रकार है


सेवा में,                                                                                                                                        दिनांक-08/04/2013
          महाप्रबंधक,
          महानगर टेलीफोन नगर लि.
          यमुनापार, दिल्ली- 110092

विषय : बार- बार शिकायत करने के बावजूद शिकायत का निवारण न होने पर एक सप्ताह में स्पष्टीकरण हेतु।
 महोदय,
 मैं निहाल सिंह  दूरभाष संख्या 8010302001( पोस्टपेड ) का उपभोक्ता हूं। इस नंबर का बिल पिछले एक वर्ष से मुझे मेरे डाक पते पर नही मिल रहा है। जिसकी शिकायत मैं पिछले 6-7 माह से फोन व ई-मेल के माध्यम से आपसे व आपके विभाग से करता आ रहा हूं।  समस्या का निवारण न होने के बाद मैनें इसकी शिकायत 18 दिसंबर 2012 को हुए ओपन हाउस सेशन में भी की। बावजूद इसके इस समस्या से मुझे अभी तक निजात नही मिल पाई है।
 अतउपरोक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए मुझे एक सप्ताह के अंदर यह जानकारी उपलब्ध कराएं कि मेरी शिकायत का निवारण क्य़ों नहीं हो पाया है।


                                                                                                                                                                                                                             प्रार्थी
                                                                                                                                                                                                                      निहाल सिंह
                                                                                                                                                                                                              यू.एस.-267, एफ ब्लाक ,
                                                                                                                                                                                                             मण्डावली फाजलपुर,
                                                               दिल्ली-110092.

AK Parwani managercsgsm@gmail.com

4/9/13
to 1503me
Dear subscriber,

Case reg,  non receipt of bill has already been refd. to postal
department for further n/a under intimatioon to this office but reply
is still awaited.
However your mail had been inserted in the system for sending the
bills through system every month.

Pl. wait for the reply from postal department.

On 4/9/13, 1503 MTNL <1503@bol.net.in> wrote:
> Sir/Mam,
>
>      Regarding your complaint we would like to inform you that your
> complaint's reminder has been forwarded to concerned department vide docket
> no.511353.
> We regret and apologize for the inconvenience caused.

Thursday, April 9, 2015

यह क्या हो रहा है सीएम साहब

40    गाडियों के काफिले में लालबत्ती लगाकर चलते हैं आपके मंत्री
-आम आदमी पार्टी ने कहा मंत्री से मांगा जाएगा जवाब
-लाल बत्ती का विरोध करती है आप
नई दिल्ली (ब्यूरो)दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंत्री एक के बाद एक विवादों के घेरे में फंसते जा रहे हैं। जितेन्द्र सिंह तोमर और असीम अहमद खान के बाद ताजा मामला परिवहन मंत्री गोपाल राय का सामने आया हैं। अब तक वीवीआईपी कल्चर का विरोध करती आ रही आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार के मंत्री खुद अपने ही नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। चौकाने वाली बात है कि केजरीवाल सरकार के मंत्री गोपाल राय 40 गाडियों के काफिले में लालबत्ती लगाकर चलते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का आभास तक नहीं होता है।
दरअसल, मामला पांच अप्रैल को गोपाल राय के पैतृक गां

व  थाना मधुबन के गोबरीडीह जाते समय का है। जहां वह न केवल लाल बत्ती हूटर (सायरन) और उत्तर प्रदेश सरकार के व्हीकल फ्लीट (निजी गाड़ियों) के काफ़िले का इस्तेमाल करते देखे गए थे, बल्कि उनके काफिले में करीब 40 गाड़िया भी थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह पूरा काफिला सरकारी गाडियों का था। और ज्यादातर गाडियों पर लालबत्ती भी लगी हुई थी। लेकिन गोपाल राय ने अपनी सफाई में कहा कि उन्हें इस बात का पता नहीं था कि उनकी गाड़ी में लाल बत्ती लगी हुई है।
गोपाल राय का कहना है कि भीड़ की वजह से उन्हें इस गाड़ी में बैठाया गया था, लेकिन पता चलने के बाद उन्होंने इस बात का विरोध भी किया था। उन्होंने कहा मैं दिल्ली में अपना काम करते हुए नैनों कार से चलता हूं, मीडिया को उसे भी देखना चाहिए। वहीं इस मामले के बाद न केवल पूरी दिल्ली सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। बल्कि पार्टी गोपाल राय से जवाब मांगने की तैयारी कर रही है।
पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने कहा कि हम गोपाल राय से बात करेंगे और उनसे पूछेंगे कि ऐसा उन्होंने ऐसा क्यों किया। आगे उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने ये गाड़ी उपलब्ध कराई थी, उनसे भी पूछना चाहिए। अगर यूपी सरकार ने प्रोटोकोल के तहत उपलब्ध कराई है, तो भी इसका इस्तेमाल करना गलत है।

गौरतलब है कि वर्ष 2013 के चुनाव में एक ओर जहां केजरीवाल और उनके लोग गाड़ी और बगला लेने से मना करते थे। लेकिन दिल्ली में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद केजरीवाल के मंत्री न केवल बगलों में रह रहे हैं बल्कि सरकारी गाडियों का जमकर उपयोग कर रहे हैं। 

दिल्ली में स्थानीय स्वायत्त शासन का विकास

सन् 1863 से पहले की अवधि का दिल्ली में स्वायत शासन का कोई अभिलिखित इतिहास उपलब्ध नहीं है। लेकिन 1862 में किसी एक प्रकार की नगर पालिका की स्थ...