Friday, September 29, 2017

उस रावण को नहीं कलयुग के इस रावण को जलाने की जरूरत है









हम हर साल दशहरा का त्योहार मनाते हैं। विजयदशमी वाले दिन अपने बच्चों के साथ बड़े ही हर्षोल्लास के साथ रावण को जलाते हैं और खुशियां मनाते हैं। लेकिन कभी सोचा है कि हम रावण को क्यों जलाते है? उसका कसूर क्या था? यही कि उसने भगवान श्रीराम की अर्द्धांगिनी मां सीता का पंचवटी से अपहरण किया था।  
वह भी किसलिए अपनी बहन की कटी नाक का बदला लेने के लिए, जिसे हम सिर्फ कहानियों में सुना करते हैं। लेकिन इस कलयुग के रावण का क्या जो एक अपराधी, भ्रष्टाचारी और बलत्कारी के रूप में हमारे अंदर है। आज देश की जनता अपराध, भ्रष्टाचार और बलात्कारी रूपी रावण से त्रस्त है। जिसको नष्ट करना हम सब की जिम्मेदारी बनती है। 
हम उस रावण को सदियों से जलाते हुए आ रहे है जिसने मां सीता को छूने का दुस्साहस किया था। लंकापति रावण पापी था, अधर्मी, दुराचारी था, लेकिन बलत्कारी नहीं था। रावण का एक रूप और था। वह भगवान शंकर का पुजारी होने के साथ-साथ महाज्ञानी पंडित था। इन्हीं सब कारणों से माता सीता का अपहरण करके दो वर्ष तक अपनी कैद में रखने के पश्चात भी रावण ने माता सीता को छुआ तक नहीं था। रावण चाहता तो मां सीता के साथ जोर-जबरदस्ती कर सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। आज हमें उस रावण को नहीं, बल्कि कल्युग की इस रावण को मारने की जरूरत है जो इंसान के अंदर एक अपराधी, भ्रष्टाचारी और बलत्कारी के रूप में छिपा बैठा है। 
प्रमोद गोस्वामी,लेखक
समाज में आजकल ऐसे कितने ऐसे दुराचारी हैं बच्चों, लड़कियों और औरतों के साथ दुराचार कर रहे हैं। रामरहीम जैसे पवित्र नाम का चोला पहने श्बाबाश् रूपी रावण ने न जाने कितने सीता का चीरहरण किया है। देश में कई ऐसे रावण है जिससे रोज एक सीता को अग्निपरिक्षा से गुजरना पड़ता है। जरूरत है ऐसे रावण को जलाना, जो ‘बाबा’ की आड़ में मासूम बहू-बेटियों को अपना शिकार बना रहा है, जो देश की तरक्की और देश की सुरक्षा में सेंध लगा रहा है। देश में भ्रष्टाचारी और बलत्कार रूपी रावण को मिटाने के लिए हमें आगे आना होगा। एक बार फिर भगवान राम की तरह अपना सब कुछ त्याग करने की आवश्यकता है। आइए हम सभी देशवासी विजयदशमी के दिन इसका संकल्प ले।

लेखक का संपर्क

Sunday, July 2, 2017

शौक भारत को देखने और दिखाने का


 फेसबुक के जरिए युवाओं को बाइक देश की शेर करा रहे युवा
-    बाइक से देश घूमने की चाह
घूमने का शौक किसे नहीं होता, लेकिन सब विदेश घूमने जाना चाहते हैं। लेकिन दिल्ली के कुछ युवा ऐसे हैं जिन्हें दूसरे युवाओं को भारत घुमाने का शौक सिर चढ़ गया है। देश की बेहतरीन और चर्चित जगहों पर बाइक से घुमाने का शौक है। यही नहीं जिन्हें साथ ले जा रहे उन्हें कोई दिक्कत न और घूमने की यादगार अनुभव रहे ऐसे व्यवस्था यह ग्रुप करते हैं। तीन दोस्तों से शुरू यह समूह अभी तक तीन सौ से ज्यादा युवाओं को देश के कोने-कोने की सैर करा चुका है।
समूह से जुड़े प्रजन्य मेहता बताते हैं कि जब वह पढ़ाई कर रहे थे तो उन्हें उस दौरान देश को घूमने का आइडिया दिमाग में आया। इसकी चर्चा उन्होंने अपने दोस्तों से की तो दोस्त पहले एक दो घूमकर आए हुए थे। वह भी उनके साथ घूमने चले गए। फिर जब ऐसी फोटो उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर की तो और लोगों ने भी इसकी जानकारी ली। फिर इससे एक के बाद एक लोग जुड़ते गए। गए दो-तीन साल मे शुरू हुआ यह सफर अब तीन सौ से ज्यादा बाइक राइडर्स तक पहुंच गया है।

बाइक से कोई फर्क नहीं पढ़ता, जज्बा आपके अंदर हो
बाइक राइडिंग ग्रुप से जुड़े तनुज चुघ बताते हैं कि जिन युवाओं को बाइक राइडिंग हमारे साथ करनी हैं वह अपने जज्बे के साथ सोशल मीडिया पर हमसे संपर्क कर सकते हैं।  इसमें बस राइडिंग करने वाले के पास बाइक होनी जरुरी होती हैं। चाहे वह कोई सी भी बाइक हो। इससे कोई फर्क नहीं पढ़ता। बस आपके अंदर बाइक को लॉग टूर पर चलाने का जज्बा होना चाहिए। अगर बाइक नहीं हैं तो वह उपलब्ध करा देते हैं, लेकिन उसके लिए उनसे कुछ राशि ली जाती है। इसके बाद वह जा सकते हैं। तनुज के अनुसार उन्हें घूमने के अऩुभव से यह पता चल गया है कि अगर लद्दाख जा रहे हैं तो वहां पर पैट्रोल पंप कहा कहा है। रहने की व्यवस्था कैसे होगी। और तो अगर बाइक में कुछ प्राब्लम हो गई तो उसे रिपेयर कैसे और कहा कराया जा सकता है इसकी जानकारी है। तो इसलिए उनके साथ जाने वाले को कोई प्रॉब्लम नहीं होती।
लड़किया भी जाती है सैर पर

 बाइक राइडिंग ग्रुप में केवल लड़के ही नहीं लड़किया भी जाती है। कई बार ऐसा हुआ है कि उनके साथ बाइक लेकर लड़किया भी गई है। कुशल का कहना है कि उनके साथ कोई भी जा सकता है। बस शर्ते वह अपनी मर्जी से जा रहा हो। हमारे ग्रुप में सबका स्वागत है। सुशील कुशल के अनुसार जब भी वह घूमने जाते हैं तो ज्यादातर साथ जाने वाले लोग नए होते हैं। और इससे एक दूसरे को भारत घुमाने की चैन बढ़ती जा रही है। प्रजन्य का कहना है कि भारत जैसे पर्यटन स्थल साथ ही किसी और अन्य देश में मिलते हो। इसलिए हमने तय किया है कि भारत के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों का बाइक से घूमने का लक्ष्य पूरा करना है। और लोगों को भी भारत के पर्यटन के बारे में बताना है। 
साभार : पंजाब केसरी









-    


Sunday, March 26, 2017

सिफारिश नहीं सर्वे के आधार पर मिलेगा टिकट

-देर रात प्रदेश भाजपा आफिस पहुंचे अमित शाह

- कोर ग्रुप की बैठक भी हुई, नहीं मिलेगा मौजूदा पार्षद को टिकट

दिल्ली नगर निगम चुनाव को भाजपा ने नाक का सवाल बना लिया है। यही वजह है कि पंच परमेश्वर सम्मेलन के सफल आयोजन के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह प्रदेश भाजपा आफिस पहुंचकर प्रदेश पदाधिकारियों और कोर ग्रुप की बैठक ली। सूत्रों ने बताया कि अमित शाह ने साफ कर दिया है कि मौजूदा पार्षदों के टिकट काटने के फैसले पर भाजपा बैकफुट पर न आकर कायम रहेगी। साथ ही किसी सिफारिश के आधार पर किसी भी व्यक्ति को टिकट नही दिया जाएगा। राष्ट्रीय भाजपा द्वारा एक निष्पक्ष सर्वे चल रहा है, जिसके आधार पर ही टिकटों का बंटवारा होगा।

सूत्रों ने बताया राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की यह बैठक पहले से प्लानिंग का हिस्सा नहीं थी। देर शाम को सभी पदाधिकारियों की बैठक की सूचना दी गई। और कुछ ही देर बाद सभी पदाधिकारी प्रदेश कार्यलय पंत मार्ग पहुंच गए। इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी पहुंच गए। जिसके बाद केन्द्रीय नेताओं और अमित शाह की अगुवाई में प्रदेश के पदाधिकारी और सांसदो की बैठक हुई। जिसमे  उन्होंने आने वाले वीरवार यानि 30 मार्च तक हर मंडल की बैठक कर ली। उन्होंने प्रदेश नेतृत्व को आदेश दिए कि वह काम बांटकर लोकसभा अनुसार सभी मंडलों की बैठक कर ले। साथ ही ध्यान रखें की वह कार्यकर्ताओं को भाषण न देकर उनकी बात सुने और समझे। बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों के आलावा केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, अनिल जैन, जितेन्द्र सिंह मौजूद थे।

सूत्रों ने बताया कि भाजपा को 9 अप्रैल को होने वाले राजौरी गार्डन विधानसभा चुनाव पर भी जमकर मेहनत करने के निर्देश आलाकमान ने दिए है। भाजपा का मानना है किअगर भाजपा इस सीट को जीतती है तो उसका फायदा आने वाले निगम चुनाव में मिलेगा। 

साभार : पंजाब केसरी


दिल्ली में स्थानीय स्वायत्त शासन का विकास

सन् 1863 से पहले की अवधि का दिल्ली में स्वायत शासन का कोई अभिलिखित इतिहास उपलब्ध नहीं है। लेकिन 1862 में किसी एक प्रकार की नगर पालिका की स्थ...