Friday, August 24, 2012

पानी के रिसाव से फुटओवर बिज्र की लिफ्ट खराब, बिजली के नंगे तार दे रहे बड़े हादसे को न्यौता


 विशेष रिर्पोट- निहाल सिहं
नई दिल्ली 24 अगस्त। राष्ट्रमंडल खेलों से पूर्व दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया गया था। और दिल्ली को सजाने के लिए करोड़ो की राशि को पानी की तरह बहाया गया था। लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों पर कार्य को करने में ढिलाई बरतने की पोल अब खुलती जा रही है। जिसका सबूत मथुरा रोड़ पर लगे एक फुटओवर बिज्र की वर्तमान खस्ता हालत से लागया जा सकता है।
मथुरा रोड़ पर पुराने किले के नजदीक लालबत्ती के पास करदाताओं की खून-पसीने की कमाई को खर्च करके लाखों रुपये की लागत से बनाया गया फुटओवर बिज्र पर बारिश का पानी जाने से लिफ्ट खराब पड़ी है। जिसके कारण कई बुर्जग और महिलाओं को सड़क पार करने के लिए खासी परेशानियां झेलनी पड़ती है। लिफ्ट खराब होने की बजह से महिलाए और बुर्जग आमतौर पर जोखिम उठाकर बिना फुटओवर बिज्र के सड़क पार करने मजबूर है।
बताते चले की इस फुटओवर बिज्र के पास उच्च न्यायलय से आने वाले ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल किया करते थे। लेकिन लिफ्ट के खराब हो जाने के कारण लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
एक बुर्जग महिला ने बातचीत को दौरान बताया कि वह आमतौर पर सड़क पार करने के लिए इस फुटओवर बिज्र का इस्तेमाल किया करती थी लेकिन लगभग दो तीन सप्ताह पहले से यह लिफ्ट खराब पड़ी है जिसके कारण वह जोखिम उठाकर सड़क पार करती है।
फुटओवर बिज्र के रखरखाव से जुड़े एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह लिफ्ट कुछ दिन पहले हुई बारिस के पानी जाने से खराब है। जिसकी शिकाय़त वह इसकी मरमम्त से जुड़े लोगों से भी कर चुके हैं लेकिन अभी तक किसी ने भी इसकी सुध नहीं ली। रोजाना सैकड़ो राहगीर लिफ्ट तक आते है लेकिन लिफ्ट के खराब होने के कारण हमको कोस कर चले जाते है। जो लोग सीढिया का उपयोग कर सकते हैं वो लोग सीढियों से चले जाते है। जबकि बुर्जग और महिलाएं बिना पैदल पार पथ के ही सड़क को पार करते हैं।
साथ ही फुटओवर बिज्र को बिजली देने के लिए लगे पास में एक बिजली के खम्बे को खुला छोड़ रखा है। जिसके कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। बारिस के कारण आस पास के फुटपाथ पर लगी जालियों मै कंरट फैलने का भी खतरा बना हुआ है। लेकिन संबधित विभाग के लोग इस गलती से अनजान बनकर मोटी तनखांवाए लेने में व्यस्त है।

Thursday, August 2, 2012

मुझे दुख है कि मैनें अरंविद केजरीवाल जैसै हिजडै वाली टीम अन्ना को देखा है'

आज मैने जब अपने फेसबुक पर लिखा कि 'मुझे दुख है कि मैनें अरंविद केजरीवाल जैसै हिजडै वाली टीम अन्ना को देखा है' तो मेरे एक मित्र ने मुझे फोन करके पूछा कि क्या हुआ तुम पहले तो अन्ना हजारे का समर्थन करते थे पर आज गाली दे रहे हो क्या हो गया हमें भी बताओ तो मैने कहा मै आपको ही नही सार्वजनिक तौर पर मुझसे जुड़े सभी लोगो बताउगा....

मित्रो कल तक अनशन करके और लोगों की भावनाओं को पकड़कर आंदोलन का ढोंग कर रही हिजड़ी टीम अन्ना ने आज अपना असली रुप दिखा ही दिया । भ्रष्ट्राचार के नाम पर राजनैतिक विकप्ल देने की बात कर रहा केजरीवाल भी नेता बनना चाहता है। ये हिजड़े अनशन के नाम पर भगत सिहं को आदर्श मानकर देशभक्तो को जोड़ने की कोशीश कर रहे थे। भगत सिहं को आदर्श माना ठीक बात है और अनशन रखा वो भी ठीक था लेकिन ये क्या कि देखा कि सरकार पर कोई असर नही पड़ रहा है तो अनशन तोड़ दिया और हिजड़ी टीम अन्ना कहने लगी की 23 जाने माने लोगो के कहने पर हम अब देश को राजनैतिक विकल्प देगे। कुत्तो की औलादो शर्म नही आई ये कहते हुए कि कल हम अपना अनशन तोड़ देगे। एक हिजड़ा केजरीवाल मर जाता तो क्या होता क्या देश से भष्टाचार नही जाता । जैसे की भगत सिहं के शहीद होने के बाद हमें आजादी न मिली । भगत सिहं शहीद हुए तभी युवाओं का खून खोला और फिर देश ने आजादी देखी.....

हिजड़ी टीम अन्ना ने मरने के ड़र अनशन खत्म करा और चल पड़े नेता बनने।

दिल्ली में स्थानीय स्वायत्त शासन का विकास

सन् 1863 से पहले की अवधि का दिल्ली में स्वायत शासन का कोई अभिलिखित इतिहास उपलब्ध नहीं है। लेकिन 1862 में किसी एक प्रकार की नगर पालिका की स्थ...