आज मैने जब अपने फेसबुक पर लिखा कि 'मुझे दुख है कि मैनें अरंविद केजरीवाल जैसै हिजडै वाली टीम अन्ना को देखा है' तो मेरे एक मित्र ने मुझे फोन करके पूछा कि क्या हुआ तुम पहले तो अन्ना हजारे का समर्थन करते थे पर आज गाली दे रहे हो क्या हो गया हमें भी बताओ तो मैने कहा मै आपको ही नही सार्वजनिक तौर पर मुझसे जुड़े सभी लोगो बताउगा....
मित्रो कल तक अनशन करके और लोगों की भावनाओं को पकड़कर आंदोलन का ढोंग कर रही हिजड़ी टीम अन्ना ने आज अपना असली रुप दिखा ही दिया । भ्रष्ट्राचार के नाम पर राजनैतिक विकप्ल देने की बात कर रहा केजरीवाल भी नेता बनना चाहता है। ये हिजड़े अनशन के नाम पर भगत सिहं को आदर्श मानकर देशभक्तो को जोड़ने की कोशीश कर रहे थे। भगत सिहं को आदर्श माना ठीक बात है और अनशन रखा वो भी ठीक था लेकिन ये क्या कि देखा कि सरकार पर कोई असर नही पड़ रहा है तो अनशन तोड़ दिया और हिजड़ी टीम अन्ना कहने लगी की 23 जाने माने लोगो के कहने पर हम अब देश को राजनैतिक विकल्प देगे। कुत्तो की औलादो शर्म नही आई ये कहते हुए कि कल हम अपना अनशन तोड़ देगे। एक हिजड़ा केजरीवाल मर जाता तो क्या होता क्या देश से भष्टाचार नही जाता । जैसे की भगत सिहं के शहीद होने के बाद हमें आजादी न मिली । भगत सिहं शहीद हुए तभी युवाओं का खून खोला और फिर देश ने आजादी देखी.....
हिजड़ी टीम अन्ना ने मरने के ड़र अनशन खत्म करा और चल पड़े नेता बनने।
मित्रो कल तक अनशन करके और लोगों की भावनाओं को पकड़कर आंदोलन का ढोंग कर रही हिजड़ी टीम अन्ना ने आज अपना असली रुप दिखा ही दिया । भ्रष्ट्राचार के नाम पर राजनैतिक विकप्ल देने की बात कर रहा केजरीवाल भी नेता बनना चाहता है। ये हिजड़े अनशन के नाम पर भगत सिहं को आदर्श मानकर देशभक्तो को जोड़ने की कोशीश कर रहे थे। भगत सिहं को आदर्श माना ठीक बात है और अनशन रखा वो भी ठीक था लेकिन ये क्या कि देखा कि सरकार पर कोई असर नही पड़ रहा है तो अनशन तोड़ दिया और हिजड़ी टीम अन्ना कहने लगी की 23 जाने माने लोगो के कहने पर हम अब देश को राजनैतिक विकल्प देगे। कुत्तो की औलादो शर्म नही आई ये कहते हुए कि कल हम अपना अनशन तोड़ देगे। एक हिजड़ा केजरीवाल मर जाता तो क्या होता क्या देश से भष्टाचार नही जाता । जैसे की भगत सिहं के शहीद होने के बाद हमें आजादी न मिली । भगत सिहं शहीद हुए तभी युवाओं का खून खोला और फिर देश ने आजादी देखी.....
हिजड़ी टीम अन्ना ने मरने के ड़र अनशन खत्म करा और चल पड़े नेता बनने।
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