हर इतवार की तरह में अपने दोस्त के साथ बहार गुमने गया यानि अपने ही इलाके में घूम रहा था तो, रस्ते में हम बाते करते हुए जा रहे थे
और उधर से तरुण क पापा आ गए उनको देखकर हमने नमस्ते किया और अंकल जी सवाल किया की कहा जा रहे हो तो हमे बोला बस ऐसे ही घूम रहे है , ठीक है अंकल जी कह कर चल दिए
घूमते-घूमते हम ब्लॉग पर और भ्रस्टाचार पर बाते कर रहे थे तबी हमारी नजर एक भीड़ पर पड़ी मेने अपने दोस्तों से उस भीड़ की वजह जानने की अनुमति ली और उस भीड़ में जाकर खड़ा हो गया वहा मेने देखा की एक महिला के साथ बदसलूकी की वजह से ये भीड़ लगी हुई है
२ -४ लोगो को सुनने से पता चला की महिला अपनी ४ पहिये की कार को लेकर मार्केट आई हुई थी और उसने अपनी कार नो पार्किंग में लगाने की कोशिस कर रही थी तभी वहा से एक मोटर साइकिल सवार ने उसका विरोध किया तो महिला ने शेद्खानी के आरोप में पुलिस बुला ले
क्योकि पुलिस बोथ पास में ही था तो पुलिस इस बार जल्दी पहुच गई
और अब यहाँ पुलिस की करतूत तो देखिये पुलिस कर्मी एक दूसरी क्लास के बच्चे की कापी के एक तुकडे पर रिपोर्ट लिख रहे थे जैसे सरकार ने
उनको सिर्फ ये ही मुहैया कराइ हो मेरा तो यह देखकर खों खोल रहा था लेकिन मेरे दोस्तों ने वहा से मुझे पकड़ कर आगे ले आये उने लग रहा था की में कोई गड़बड़ करने वाला हु मतलब में उस पुलिस कर्मी का एक टुकड़े की रिपोर्ट पर विरोध करने वाला हु इसलिए वो मुझे आगे ले आये
अब मुझे उस पुलिस पर गुसा आ रही थी की ये पुलिस वाले साले अपनी ओकात तो दिखा देते है घुस लेने के लिए रिपोर्ट पक्की नहीं लिखी गई
और जबकि उस मोटर साइकिल सवार की कोई गलती नहीं थी तो उसे ठाणे ले जा रही थी क्योकि शिकायत करता महिला थी इसलिए इनकी तो .....
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tje jakr police wale se puchna chahiye tha ki wo aisa kyun kr rha hai
ReplyDeletenihal ji blog per bhasha ka istmaal karte hue thoda sayyam rakho..yeh ek aisa platform hai jo worldwide hai so patrkarita ki garima to banye rakho.....bura na manna but sachchai hai .......
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