Wednesday, February 24, 2010
बेरोजगारी भुकमरी और मुग़ल गार्डेन
मेरा पसंदीदा चिट्ठाजगत फीड कड़ी
अभी भारत के सबसे बड़ी हस्ती मानी जाने वाली जगह राष्ट्रपति भवन आम जनता के लिए खोला गया है , इस बात की खबर मिलते ही हम सभी क्लास वालों ने ये जगह देखने के लिए मुग़ल गार्डेन का प्लान बनाया इसके लिए तारिक तय हुई २३ फरबरी २०१० और इस दिन चल दिए हम मुग़ल गार्डेन के सफ़र के लिए दिल्ली की बसों में धाके खाते हुए और जेबकतरों से बचते हुए और थोड पैदल यात्रा के जरिये पहुच गए हम मुग़ल गार्डेन
वह जाकर हमने अपना सामान (मोबाइल और अन्य बस्तुये ) जमा करा के अंदर जाने की तैयारी की कतार बना के अन्दर पहुचे तो वहा का नजारा कुछ और ही था में तो दंग था की जिस देश में गरीब को रहने के लिए जगह नहीं है और जहा आम आदमी भुकमरी और बेरोजगारी से मर रहा है उस देश के रास्त्रपति भवन में आर्बो रुपया सालाना खर्च किया जाता है ५०० एकड़ में फैले इस गार्डेन पर भारी मात्रा में पैसा भाहाया जाता है , ,,,,,,,,,,,,,,,,,
लेकिन ऐसे गार्डेन का हम क्या करेंगे जिस से आम आदमी और देश के किसी व्यक्ति का कोई फ़ायदा नहीं होता लाखो रूपये तो उसकी देख रेख में खर्च हो जाते है,,,,,,,,,,,,,
अब घुमने समय में सबकी प्रतिकिरियाओं पर दयां बड़ी गोर से दे रहा था की कोण क्या बोल रहा है यहाँ तरुण ने एक बात बोली की अगर रास्त्रपति बनने का कोई कोर्से होता तो कितना मजा आता
लडकिया भी बोलने लगी की हमे भी राष्ट्रपति बनना है वोह जगह क्योकि ५०० एकड़ में फैली हुई थी तो हम घूमते- घूमते थक गए थे |
कभी - कभी में ये सोचता था की आम आदमी को ही बिमारी लगाती है हमारे नेता क्यों नहीं बीमार पड़ते वो ऐसा क्या खाते है इसका जबाब मुझे मुग़ल गरेदं जाकर पता चल गया ........
जब इतनी सुंदर जगह जिस को मिल जाये तो भला वो कैसे बीमार पढ़ सकता है .............
क्या
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NIAHL sarahniye karya hai ! ek ache vishay par likha hai aapne , vastav me aaj hamare neta aisho-aaram ke paryay ban gaye hai ! isi rashtrapati bhawan me kabhi RAJENDRA PRASAD bhi rahe hain jinki shadgi ek misal thi ! halanki jamana badla hai lekin badlav ke naam kuch bhi hota hai ! aise hi likhte raho dost...........
ReplyDeletenihal tumne acha likha but kuch adhuri jankari k sath sabse pehle yeh btana chaunga ki rashtrpati neta nahi hota wo desh ka sabse pehla nagrik hota ya hoti hai. or neta log bhi bimar padte hai amar singh ka udharan hum sab k samne hai jyoti basu b bimari k karan aaj hamre bich nahi rahe but tumne ache mudde ko uthaya lekin rashtrpati ki apni garima hoti hai jise hum logo bane rkhna chaiye use netao se tulna karna sahi nahi......
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