Sunday, December 26, 2010

कुछ ही समय पुरानी एक कहानी है

कुछ ही समय पुरानी एक कहानी है
दो दिलो के मिलने की एक अजीब सी कहानी है
जो आज आपसे बताने की मन की बात मानी है
पढते- पढते हुई जवा हुई थी एक प्रेम कहानी है
जब नहीं पाता था प्यार का असली अर्थ
जबकि ये हमारी कहानी है
 स्कूल में  दो दिलो के मिलने की
एक स्कूल में बनी थी ये प्रेम कहानी
एक दिन उनके परिचय से जब हमारा परिचय हुआ
छवि बनाई
कुछ दिनों बाद पार्क में मिलना हुआ
क्या वो दिन थे , जब हम साथ थे
दूर रहकर भी वो हमारे और हम उनके पास थे
मोहबत में कुर्बान कर दी हमने अपनी
आज फिर उनकी याद सता रही है
ये दिल की आवाज फिर उन्हें पुकार रही है
लगता है नाराज है वो हमसे
इस दिल की आवाज
नाराजगी का कारण को बतला दो
क्या खता हुई हमे ये तो समझा  दो
नहीं है समय तुमरे पास ये भी बताने का
बस अपनी दिल की नाराजगी तो समझा दो
में इन्तजार करूँगा तुमारा ...
फुर्सत मिले तो आ जाना मेरे दिल को आज भी है तुमारा इन्तजार ...

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