- बेटी बचाओं बेटी पढाओं अभियान को मिल रही है मजबूती
- हरियाणा में बढ़ा सैक्स रेशियों
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बेटियों के
लिए महत्वकांक्षी योजना बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं का असर दिखाई दे रही है। यही वजह
है कि पिछले कुछ समय से बेटियों के नाम रोशन करने वाली मौकों और अवसरों की तादात
बढ़ती जा रही है। हाल ही में जब सिविल सर्विसेस की परीक्षा में टॉपर में जब टीना
डाबी ने टॉप किया तो टीना डाबी की भी खूब सरहाना हुई। इसके बाद एक-एक करके
लड़कियों के नाम रोशन करने वाले अवसर सामने आने लगे।
हाल ही में सीबीएसई के 12 वी कक्षा के
नतीजे भी आए। यहां भी लड़कियों ने खूब बाजी मारी। हर राज्य में न केवल लड़कों की
तुलना में लड़कियों ने टॉप किया बल्कि पासिंग प्रतिशत भी लड़कियों का ज्यादा था।
दिल्ली की सुकुति ने सीबीएसई में टॉप किया तो वहीं जिस हरियाणा में लड़कियों के जन्म को श्राप माना
जाता था उसी हरियाणा की कुरूक्षेत्र में रहनी वाली पलक गोयल ने टॉप किया तो करनाल
की सोम्या तीसरे स्थान पर रही। वहीं शारिरिक अक्षम की कैटेगरी में भी हरियाणा के
फरीदाबाद की रहने वाली मुदिता जगोटा ने पहला स्थान प्राप्त किया।
बन रहा है लड़कियों के लिए महौल
समाज सेविका ट्वीकल कालिया बताती है कि
ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री की बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना के बाद ही लड़किया
टॉप करने लगी है, लेकिन इस योजना के शूरू करने के बाद एक भारी बदलाव आया है।
लड़कियों को लेकर देश में एक महौल बना है कि लड़कियों के पैदा होने में कोई दोष
नहीं है बल्कि लड़कियां लड़कों के मुकाबुले ज्यादा नाम रोशन कर सकती है। भाजपा
नेता रूबी यादव कहती है कि केन्द्र की योजनाओं का ही असर है कि अब बेटी बचाओं बेटी
पढाओं योजना के माध्यम से लड़कियों को प्रोत्साहन मिल रहा है।
बेटी बचाओं बेटी पढाओं अभियान के चलाने के
बाद हरियाणा के लिंगानुपात में भी बढोत्तरी देखी गई है। राज्य सरकार द्वारा जारी
आंकडो की माने तो बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की
वजह से प्रदेश में जन्म के समय लिंगानुपात अब पहले से बेहतर हुआ है। उन्होंने
बताया कि राज्य में अब प्रति 1000 लड़कों पर 889 लड़कियां जन्म ले रही हैं। उन्होंने ‘सशक्त बेटी सशक्त भारत’ जागरूकता
मार्च को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा कि बच्चों का लिंगानुपात 900 तक पहुंचाने के लिए कोशिशें की जा रहीं
हैं।