Thursday, January 28, 2010

नाले के रुप मे नदिया

नाले के रुप मे नदिया

यमुना नदी का नया नाम काली नदी !

आज देश में हर तरफ वायु मंडल गरम होने की बाते चल रही है | लेकिन एक तरफ माँ कही जाने ये नदिया गगा यमुना और आदि नदिया नाले की भाति दिखाई देती है क्योकि इनका पानी गंदे नाले की तरह दिखाई देता है ! एक समय था की नदियो के पास से गुजरने मात्र से मन को शांति मिलती थी और हम मन ही मन भगवान को याद करते थे लेकिन मन को शांत करने वाली ये नदिया
अब दुर्गंद देने लगी है अब इनके पास गुजरते समय मुह पर रुमाल लागये बिना नहीं रहा जाता है इसके पानी में से आने वाली सुगंद अब गंद का रूप ले चुकी है |इसलिए अब हम इसका नया नाम
काली नदी दे तो इसमें कोई परेशानी नहीं होगी क्योकि इसका पानी कला हो चूका है
अब इसमें जगह -जगह पन्नी कचरा आदि चीज़े बहती दिखाई देती नजर आ जाती है | कारण कई है लेकिन एक कारण हमने खुद ही बनया है वो कारण है आस्था का है | हम अपनी आस्था में इतने अंधे हो चुके है की हम अपनी माँ कही जाने वाली नदियो को अपवित्र और प्रधुषित` करने पर तुले हुए है हम आस्था के नाम पर धुपवती और मंदिरों में चढाई गई वस्तुए इसमें विसर्जित करते है इससे न केवल हम प्रधुषित कर रहे है बल्कि इससे हम खत्म भी कर रहे है |
एक और गिलेसियरो का पिगालना और दूसरी और इन नदियो का नाले रूप में परिवातित हो जाना ये धरती के विनाश के संकेत नजर आते है | हलाकि सरकार इन नदियो को साफ़ सुथरा रखने के लिए अरबो की राशी इन नदियो में बहा चुकी है और वादे हजार कर चुकी है लेकिन परिणाम हमेशा जीरो नजर आया है, कभी यमुना की सफाई २०१० तक और कभी यमुना की सफाई अब २०२० तक के वादे सुनाई देते है |न जाने ये नदिया कब फिर से
पुराने रूप में आएँगी और कब हम इन्हें गर्व से फिर से माँ कहेंगे
मेरे अनुसार नदियो की पवित्रता को बरकार रखने के ये उपाय कारागार साबित हो सकते है :-
# इसमें गिरने वाले नालो पर पाबंधी लगाई जाये |.
# अगर हम आस्था में अंधे हो चुके है तो नदियो के पास जहा से आधिक मात्रा में पूजा की वस्तुए विसर्जित की जाती है वहा पर विसर्जित वस्तुओं के लिए डिब्बे लगाये जाए |
# एक पेरामीटर बनाया जाये जिस राज्य से आधिक नदिया प्रधुषित होगी उन पर भरी जुरमाना लगाया जाये और कड़े निर्देश
जारी किये जाये |
# युमना सफाई प्लान को भ्रस्टाचार मुक्त किया जाये
# जब हम अरबो की राशी इसकी सफाई पर खर्च कर सकते है तो जैसे युमना का दिल्ली में इसथित पुल जैसी जगहों पर पुलिस कर्मी लगा सकते है और युमना में कूड़ा फैकने वालो को पकड़ सकते है |



मेने जिस समस्या जोर पर दिया शायद ये समस्या सबको कम महतवपूर्ण लगे लेकिन ये समस्या अपने आप में काफी गंभीर है क्योकि नदिया इसी तरह नाले की तरह दिखाई देने लगी तो एक दिन हम पानी पानी के लिए मोह्ताज हो जाएंगे ?

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