- सोनिया विहार में यमुुुुना किनारे किया गया आयोजन

इकोस्फेयर के महासचिव प्रशांत गुंजन ने अभियान का मकसद बताते हुए कहा कि आज भागमभाग दुनिया में सभी ने अपनी जरूरतें बढ़ा ली हैं। लेकिन जलस्रोतों की परवाह करना छोड़ दिया है। इसका प्रमुख कारण लोगों का जलस्रोतों से कटाव है। अथाह प्रवाह अभियान के तहत लोगों को जल स्रोत के नजदीक लाकर पानी की दुर्दशा के प्रति संवेदनशील बनाना है। साथ ही अपनी संस्कृति व परंपराओं में निहित जल संरक्षण के पूरे सिस्टम के सहारे पानी का प्रबंधन करना है। इसमें बात समाज व उपलब्ध जल के बीच के रिश्तों पर की गई।
केमिकल एवं फर्टीलाइजर मंत्रालय के औद्योगिक सलाहकार डॉक्टर रोहित मिश्रा ने कहा कि जिस प्रकार इंसान आक्सीजन के लिए पाइप से जुड़ा रहता है, वैसे ही आज का समाज पानी के लिए पाइप से जुड़ा है। अत: जल स्रोतों की दशा सुधारने का प्रयास करना जरुरी है।हिंदी के कवि भुवनेश सिंघल ने कहा कि अभियान आज जलसंकट के लिए बेहद उपयोगी है। जलस्रोतों की सुधि लेना और उनकी दशा व प्रवाह अथाह बनाए रखना आज की जरूरत है।

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इकोस्फेयर के बारे में:
इकोस्फेयर की स्थापना 2011 में की गयी। इसका मुख्य उद्देश्य आज के समाज में सतत विकास, पर्यावरण, ऊर्जा एवं पुरातन तकनीकी ज्ञान व संस्कृति की विभिन्न अवधारणाओं को प्रसारित व उपयोग में लाना है। अथाह प्रवाह श्रृंखला इसी कड़ी में एक अनूठा प्रयास है, जिसमें संवाद की अपनी परंपरा को गहरा करने के लिए हर उस मुद्दे पर समाज के स्तर पर विमर्श किया जा रहा है, जिसमें प्रवाह वर्तमान है।
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