Sunday, January 3, 2016
एक पत्रकार की शादी का कार्ड
जैसा कि आपकों पता है कि गत वर्ष 26 नवम्बर 2015 को मेरी शादी हुई। वैसे तो हर प्रोग्राम में इंशान के खट्टे मीठे पल होते हैं। लेकिन बात जब शादी की हो तो केवल मीठे पल ही याद रखने चाहिए। क्योंकि दोस्तों का कहना है कि शादी के बाद खट्टे पल ही नजर आते हैं। हालांकि अभी तक तो जिंदगी बहुत सुंदर चल रही हैं। मैं और मेरी धर्मपत्नी नीलम एक दूजे से बहुत खुश है। यह तो रही शादी के बाद की बात अब आपकों शादी से पहले की ओर ले चलता हूं। शादी तय हो गई थी। परिवार की रजामंदी और मेरी पंसद से नीलम के साथ मेरा विवाह हुआ। वर्ष 2015 के 5 मार्च को हम दोनों ने एक दूसरे को पूर्वी दिल्ली के नीलम माता मंदिर में देखा था। और देखने के बाद मेरे परिवार और मुझे भी नीलम पंसद आ गई थी। इसके बाद शादी की तैयारियां शुरू हो गई थी। सबसे पहले की रस्म थी। रोके की रस्म । यह रस्म भी खूब धूमधाम से मनाई गई। मैं और मेरा परिवार नाते रिश्तेदारों के साथ 20 अप्रैल को नीलम के निवास पर गोद भराई अर्थात रोके की रस्म के लिए गए। यहां हम दोनों ने समाज के सामने एक दूजें को अगुठियां पहना कर अपना लिया। इसके बाद बातों का सिलसिला चला और शादी की तैयारिया शुरू हो गई। काफी पंडितों से चर्चा करने के बाद 23 नवम्बर को सगाई तय हुई वहीं 26 नवम्बर को शुभ विवाह का कार्यक्रम तय हो गया। पिताजी की ओर से बस मुझे गिनती के तीन-चार काम अपनी शादी के करने के लिए सौंपे गए थे। इसमें पहला काम शादी के कार्ड छपवाने का था तो वहीं दूसरा काम सगाई के लिए हॉल बुक करने का वहीं तीसरा काम मुझे मेरे लिए सगाई और शादी के कपडे खरीदने का था। तो पहला काम के लिए काफी चितंन मनन किया। और सोचा की आखिर शादी का कार्ड कैसा छपवाया जाए। मुझे मेरे कई सहयोगियों ने सलाह दी। करीब डेढ महीने तक विचार विमर्श करने के बाद मेैंंने कार्ड का मैटर तैयार कराया। साथियों के सुझाव पर कुछ हट-के का कार्ड छपवाया था।यह कार्ड बिल्कुल खबर के अंदाज में प्रकाशित किया गया था। जो कि शादी के दौरान और शादी के बाद में चर्चा का विषय बन गया। कई लोगों ने मेरे इस प्रयोग को सरहाना की। कई मित्रों को यह कार्ड नहीं मिल पाया। क्योंकि व्यस्तता में कई लोगों के नाम ध्यान से छूट जाते हैं।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
टोल टैक्स वसूली में आप ने लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप, अब फिर से सदन में है यह प्रस्ताव
-टोल कंपनी को प्रदूषण के कारण व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर देनी है छूट -मई माह की बैठक में प्रस्ताव को कमिश्नर के पास भेज दिया था वापस निह...
-
हर इतवार की तरह में अपने दोस्त के साथ बहार गुमने गया यानि अपने ही इलाके में घूम रहा था तो, रस्ते में हम बाते करते हुए जा रहे थे और उधर से त...
-
गणतंत्र दिवस तो याद रहा पर उन गरीबो को भूलगए है जिसके नाम पर गणतंत्र दिवस मन रहे है २६ जनवरी को हम बड़ी शान से ६० वे गणतंत्र दिवस को मनाय...
-
मन करता है कुछ लिखू फिर सोचता हु की क्या लिखू उनके लिए लिखू जिन्हें सुबह के खाने क बाद शाम के खाने का पता नहीं होता या उनके लिए लिखू ...
ReplyDeleteनजरिया में शादी के कार्ड को पड़ने का मौका मिला , कार्ड निहाल सिंह की शादी का था ।जिन लोगो को निहाल का कार्ड शादी से पहले नहीं मिला उनके लिए यह अद्भुत है मेने भी किसी पत्रकार का इस तरह छपा कार्ड पहले नहीं देखा । खैर जो भी है निहाल भाई को शादी की हार्दिक शुभकामनाये.... भाई अब तो माफ़ कर दिया लेकिन पापा बनने की ख़ुशी में हम को भी शामिल करना , भूल मत जाना .......आपका भाई एन .पी . सिंह राठौर ...पुन: हार्दिक शुभकामनाये .........