आज पता नही क्यों पर मेरी आंख रात्रि के समय दो बजे ही खुल गयी। मुझे
भी समझ नही आ रहा क्यों आज मुझे नींद नही आ रही है। लेटे हुए दिमाग इधर-उधर धूमने
लगा की आखिर आज नींद यू अचानक कैसे टूट गयी। ऐसा परिवार के अन्य सदस्यों के साथ जब
हुआ करता है जब कोई अपना नजदीकी या तो संकट मैं होता है या फिर कुछ गलत होने वाला
होता है। अब तो बस प्रभु मालिक है कि आज एकदम अचानक नींद क्यों टूटी । इस नींद टूटने के कारण जो भी हो लेकिन एक बात
मेरे मस्तिष्क में गोल-गोल धूम रही है कि मैं कुछ ज्यादा ही भावनाओं बह जाता हूं।
कभी-कभी यह भी सोचता हूं कि मैं इस तरीके
लोगों के सामने राष्टवादी विचारों को रखता हू तो कही उनको यह न लगता हो कि
यह तो मूर्ख है कुछ ज्यादा ही भावनाओं में संवेदनशील हो जाता है। बहरहाल जो भी मैं
जिस विचार का समर्थक हू और जहां तक उन विचारों के मै अभी तक समझ पाया हू उन
विचारों को जन्म देने वाले गौरवशाली व्यक्तियों ने कभी इस बात की परवाह नही की लोग
आपके राष्ट के हित मैं किए गए काम को लेकर क्या सोचते है। उन्होनें तो सिर्फ इस
बात की परवाह की किस तरह ज्यादा-ज्यादा से सनातनी का भला हो।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
टोल टैक्स वसूली में आप ने लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप, अब फिर से सदन में है यह प्रस्ताव
-टोल कंपनी को प्रदूषण के कारण व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर देनी है छूट -मई माह की बैठक में प्रस्ताव को कमिश्नर के पास भेज दिया था वापस निह...
-
हर इतवार की तरह में अपने दोस्त के साथ बहार गुमने गया यानि अपने ही इलाके में घूम रहा था तो, रस्ते में हम बाते करते हुए जा रहे थे और उधर से त...
-
गणतंत्र दिवस तो याद रहा पर उन गरीबो को भूलगए है जिसके नाम पर गणतंत्र दिवस मन रहे है २६ जनवरी को हम बड़ी शान से ६० वे गणतंत्र दिवस को मनाय...
-
मन करता है कुछ लिखू फिर सोचता हु की क्या लिखू उनके लिए लिखू जिन्हें सुबह के खाने क बाद शाम के खाने का पता नहीं होता या उनके लिए लिखू ...
No comments:
Post a Comment