नयी
दिल्ली, 08 जनवरी (हि.स.)। हिन्दुस्थान समाचार के संरक्षक व राष्ट्रीय स्वयंसेवक
संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री श्रीकान्त जोशी जी का आठ जनवरी को प्रातः पांच बजे मुंबई
में निधन हो गया। वह 76 साल के थे। श्री जोशी पिछले कई दिनों से स्वशन संबंधी
बिमारी से पीड़ित थे। मंगलवार सुबह सीने में दर्द होने के बाद उन्हें अस्पताल ले
जाया जा रहा था, जहां रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गयी। श्री जोशी के निधन से हिन्दुस्थान समाचार सहित आरएसएस को गहरी छति पहुंची है।
उनके निधन पर आरएसएस, भाजपा सहित कई सामाजिक
व राजनीतिक संगठनों से शोक व्यक्त किया।
कुछ दिन पहले
श्री जोशी को चिकित्सा के लिये केरल गये थे। उसके बाद नागपुर में चिकित्सकीय परीक्षण
कराया गया था जहां सभी रिपोर्ट सामान्य बताई गयी थी। अभी दो दिन पहले ही श्री जोशी
विश्राम के लिये दो दिन पहले ही दिल्ली से मुम्बई पहुंचे थे। मंगलवार सुबह सीने
में दर्द के बाद अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गयी। मुम्बई के पितृछाया
संघकार्यालय में उनके पार्थिव शरीर को अन्तिम दर्शन के लिये रखा गया है। दाह
संस्कार आज ही सायं चार बजे मुम्बई में ही होगा।
संक्षिप्त जीवन परिचय
श्रीकान्त
शंकरजोशी जी का जन्म 21 दिसम्बर 1936 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी ज़िले के देवरुख
गांव में हुआ था। श्रीकांत जोशी अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। प्रारम्भिक
शिक्षा पूरी करने के बाद वह उच्च शिक्षा के लिये मुम्बई में आये। मुम्बई
विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र और अर्थशास्त्र से स्नातक की शिक्षा प्राप्त
करने के बाद उन्होंने जीवन बीमा निगम में कार्य करना शुरु किया।
संघ परिचय
जीवन बीमा
में कार्य करने के दौरान वह मुम्बई में ही संघ के प्रचारक शिवराज तेलंग के संपर्क
में आये। उन्हीं की प्रेरणा से नौकरी से त्यागपत्र देकर 1960 में पूरा समय संघ
कार्य को समर्पित कर प्रचारक बन गये। प्रारम्भ में प्रचारक के नाते नान्देड गये,
कुछ समय महाराष्ट्र में काम करने के बाद श्री जोशी को 1963 में संघ कार्य हेतु असम
भेजा गया। विषम परिस्थियों में वह निरन्तर पच्चीस साल तक वहां संगठन को गति प्रदान
किया। प्रारम्भ में तेजपुर के विभाग प्रचारक फिर शिलांग के विभाग प्रचारक बने। इस
दौरान श्रीजोशी 1971 से 1987 तक असम के प्रान्त प्रचारक रहे। 1987 में उन्हें
तत्कालीन सरसंघचालक माननीय बाला साहेब देवरस जी के सहायक का उत्तरदायित्व दिया
गया। 1997 से 2004 तक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख का दायित्व संभालने के बाद
उन्हें 2004 में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य बनाया गया।
हिन्दुस्थान समाचार की पुनरसंरचना
श्रीकांत
जोशी के प्रयासों से 2002 में मूर्च्छित हो चुकी भारतीय भाषाओं की एक मात्र संवाद
समिति हिन्दुस्थान समाचार को पुनः सक्रिय करने का उपक्रम प्रारम्भ किया। यह संवाद
समिति 1975 के आस-पास सरकारी हस्तक्षेप के कारण बंद हो गई थी। जब जोशी जी ने इस
समिति को पुनर्जीवित करने के प्रयास प्रारम्भ किये तो पत्रकारिता जगत में बहुत लोग
कहते सुनें गये कि यह कार्य असम्भव है। लेकिन जोशी जी ने अपने संगठन कौशल और कार्य
कुशलता से कुछ ही वर्षों में ही इस असम्भव कार्य को ही सम्भव कर दिखाया। उनके अथक
परिश्रम से गत् एक दशक में इस संवाद समिति ने न केवल अपना विस्तार किया अपितु भारत
सहित विदेशों में भी अपनी धाक जमाने में सफल रही। उनकी प्रेरणा से आज भारत सहित
मारिशस, नेपाल, त्रिनिनाड, थाईलैण्ड सहित कई देशों में इस संवाद
समिति के ब्यूरो कार्यालय सफलता पूर्वक चल रहे हैं। आज देश के तीन सौ से अधिक
समाचार पत्र इस संवाद समिति की सेवा से लाभान्वित हो रहे हैं।
निधन पर शोक
हिन्दुस्थान
समाचार के संरक्षक व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्रीकांत जोशी के
निधन पर भाजपा सहित तमाम राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है।
प्रख्यात अर्थशास्त्री व क्षेत्र संघ चालक डा. बजरंग लाल गुप्त ने निधन पर दुख
व्यक्त करते हुए कहा कि श्री जोशी अपनी सहज, सरल व गंभीर व्यक्तित्व के कारण
हजारों कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत रहे। उनके निधन से आरएसएस ने एक अत्यन्त
तेजस्वी प्रचारक को खो दिया।
डा. बजरंग
गुप्त ने कहा कि श्री जोशी उन प्रचारकों में थे जिन्होंने विषम परिस्थितियों में
भी कार्य कर अपनी उर्जा से संगठन को नया आयाम दिया। पूर्वोत्तर राज्य में लंबे समय
तक प्रचारक रहकर उन्होंने संघ कार्य को मजबूती प्रदान की। इसके अलावा उनके ही
प्रयास से विभिन्न कारणो से बंद हो चुकी भारत की एक मात्र बहुभाषी संवाद समिति
हिन्दुस्थान समाचार पुनर्जीवित हुई और समाचार जगत में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त
की। उनके अध्ययन, विवेचन औऱ विश्लेषण ने कार्यकर्ताओं और सहयोगियों को जो उर्जा
प्रदान की है उससे सहारा लेकर हम अपने कार्यों को और अधिक गति प्रदान करने के लिए
सन्नत होंगे।
हिन्दुस्थान
समाचार/08.01.2013/अवनीश