एक के बाद रेल हादसे बंद होने का नाम नहीं ले रहे है, और एक के बाद बेगुनाहों की जान जाती जा रही है | इससे रेल मंत्रालय को कोई असर नहीं पड़ता उसे तो बस रेल हादसों पर कड़ी निंदा जतानी है और लाख -२ लाख का मुआवजे का ऐलान करके अपना पल्ला साफ़ कर के अलग हो जाना है, आइये जानते पिछले बीते सालों में हुए रेल हादसों की सूची
देश में कुछ प्रमुख ट्रेन हादसों काघटनाक्रम इस प्रकार है:
9 नवंबर, 2006: पश्चिम बंगाल रेल दुर्घटना में 40 लोगों की मौत, 15 घायल.
1 दिसंबर, 2006: आपके के भागलपुर जिले में 150 साल पुराने पुल को तोड़ते समय एक हिस्सा ट्रेन पर गिरने से 35 लोगों की मौतहोगयी जबकि 17 घायल हो क.
14 नवंबर, 2009: दिल्ली जा रही मंडोर एक्सप्रेस जयपुर के निकट बस्सी में पटरी से उतर गयी जिसका कुछ हिस्सा एसी आपके आपके में जाघुसा. दुर्घटना में 07 की मौत हो गेe जबकि 60 से अधिक घायल हो गये.
21 अक्तूबर, 2009: उत्तर प्रदेश में उत्तर रेलवे के मथुरा वृंदावन सेक्शन पर वंजारा में गोवा एक्सप्रेस ने मेवाड़ एक्सप्रेस को टक्कर मार दीजिससे 22 लोगों की मौत हो गयी जबकि 26 अन्य घायल हो गये.
2 जनवरी, 2010: घने कोहरे के कारण उत्तर प्रदेश में तीन ट्रेन दुर्घटनाओं में 15 लोगों की मौत हो गयी.
16 जनवरी, 2010: उत्तर प्रदेश में घने के कारण कालिंदी एक्सप्रेस और श्रमशक्ति एक्सप्रेस की टक्कर में 03 लोगों की मौत हो गयीजबकि लगभग 12 अन्य घायल हो गये.
28 मई, 2010: नक्सलियों की तोड़फोड़ की कार्रवाई के चलते ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतरी
जिससे कम से कम 148 लोगों की मृत्यु हो गयी.
10 सितंबर 2002: बिहार में कोलकाता नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस एक पुल के उपर पटरी से उतरी जिससे 120 लोग मारे गये.
22 जून 2003: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में वैभववाड़ी स्टेशन को पार करने के बाद कारवार मुंबई सेंट्रल हालीडे स्पेशल ट्रेन पटरी से उतरी, 53 लोग मारे गये और 25 घायल.
2 जुलाई 2003: आंध्र प्रदेश के वारंगल में एक ट्रेन का इंजन और उससे लगी दो बोगियां पुल से गिरी . 18 लोग मरे.
27 फरवरी 2004: पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर में मानवरहित लेवल क्रासिंग पर गुवाहाटी जानेवाली कंचनजंगा एक्सप्रेस ने ट्रक कोटक्कर मारी जिससे 30 लोग मारे गये.
15 दिसंबर 2004: पंजाब के जालंधर से करीब 40 किलोमीटर दूर एक स्थान पर अहमदाबाद जाने वाली जम्मू तवी एक्सप्रेस की एकलोकल ट्रेन की आमने सामने की टक्कर में 11 महिलाओं सहित 34 लोग मारे गये और 50 घायल हुए.
18 अगस्त, 2006: सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के निकट चेन्नई-हैदराबाद एक्सप्रेस की दो बोगियों में आग लगी.
3 दिसंबर 2003: पंजाब के सराय बंजारा और साधुगढ़ के बीच पटरी से उतरी मालगाड़ी को हावड़ा अमृतसर मेल ने टक्कर मारी . दुर्घटनामें 46 मारे गये और 130 से अधिक घायल हुए.
5 जनवरी 2002: महाराष्ट्र में घातनादुर स्टेशन पर खड़ी एक मालगाड़ी को सिकंदराबाद मनमाड एक्सप्रेस ने टक्कर मारी जिससे 21 लोग मारे गये और 41 घायल हो गये.
23 मार्च 2002: मध्य प्रदेश में नरसिंहपुर के पास पटना से मुंबई जा रही लोकमान्य तिलक सुपरफास्ट एक्सप्रेस की 13 बोगियां पटरीसे उतरी. इस हादसे में 07 घायल हुए.
12 मई 2002: उत्तर प्रदेश में जौनपुर में नयी दिल्ली पटना श्रमजीवी एक्सप्रेस पटरी से उतरी. 12 यात्री मारे गये.
4 जून 2002: रेल क्रासिंग के पास कासगंज एक्सप्रेस और एक बस की टक्कर में 34 मारे गये.
9 सितंबर 2002: बिहार के औरंगाबाद जिले में हावड़ा दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस की एक बोगी धावे नदी में गिरी जिससे 100 यात्रीमारे गये और 150 घायल हुए.
22 जून 2001: केरल के कोझिकोड के पास मंगलोर चेन्नई मेल कदालुंदी नदी में गिरी. इस हादसे में 40 लोग मारे गये.
इन रेल हादशो अब तक लगभग १००० के करीब लोग अपनी जान गवा चुके है तथा लगभग ८०० लोग घायल हो चुके है
ये आकडे काफी चोकाने वाले है जिससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है की भारतीय रेल में अब सफ़र करना खतरे से ख़ाली नहीं है|
अब लोगो के मन में सफ़र करने से पहले ये हद्शो की तस्वीरे तो जरुर उनके जहें में आती होगी जिससे लोगो अब कही ना कही भारतीय रेल में सफ़र करने से एक जरुर सोचेंगे
आखिरकार कब तक रेल मंत्री अपनी गलतियो को कब तक छुपाते रहेंगे
इसी सिलसिले आपसे सवाल है की aapke नजरिये से इन रेल हादसों का असली कसूरवार कौन है?