Sunday, April 27, 2014

गर्मी में सेहत बिगाड़ सकते हैं कटे फल और जूस



- उल्टी, दस्त, डायरिया, पीलिया होने का बड़ा खतरा
- पूरे शहर में बड़ी कटे फल बेचने वालों की संख्या
- कटे फल और खुला जूस बेचने पर हैं पांबदी
नई दिल्ली २५ अप्रैल () गर्मी आते ही शरीर में पानी मांग बढ़ जाती है। पानी की मांग बढ़ने से सफर के दौरान जूस पीने की इच्छा होना स्वाभाविक है। इसी को देखते हुए गर्मी आते ही शहर की प्रमुख बाजारों या भीड़ भाड़ वाले इलाकों में फल की चाट और गन्ने की जूस की बिक्री बढ़ जाती है। इसलिए अक्सर जब हम सफर कर रहे होते हैं तो बस या मैट्रो से उतरने के बाद सड़क किनारे फल की दुकान से चाट का स्वाद लेने में पीछे नहीं रहते हैं। लेकिन यह स्वाद आपको भारी पड़ सकता है। क्योंकि विशेषज्ञों की राय हैं कि यह कटे फल और गन्ने का जूस आपकी सेहत को न केवल नुकसान पहुंचा सकता है बल्कि भारी परेशानी में भी डाल सकता है।

घर से खाकर और पानी लेकर निकले साथ
दिल्ली मैडिकल एसोसिएशन के सदस्य डॉ अनिल बंसल इस गर्मी के मौसम में विशेष रूप से सावधान रहने की सलाह देते है। डॉ बंसल का कहना है कि गर्मी में सड़क किनारे कटे फल और गन्ने का जूस पीने से परहेज करना चाहिए। फुटपाथ पर लगे गन्ने का रस और कटे फल स्वास्थ्य को काफी नुकसान हो सकता है। क्योंकि कटे फल और गन्ने के जूस से पर बिक्री करते समय मक्खियां बैठ जाती हैं। इन मक्खियों के पंजों में गंदगी होती है जो कि गन्ने के रस और कटे हुए फल के जरिए पैट के अंदर चली जाती है। इससे टाइफाइड, आन्त्रशोध, उल्टी और दस्त और पीलिया होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इस मौसम में सुबह ही लोगों घर से खाना खाकर और पानी की बोतल साथ लेकर चलना चाहिए।

नारियल पानी है अच्छा विकल्प
 गुरू तेग बहादुर अस्पताल के डॉ विनोद बताते है कि गर्मी में नारियल का पानी पीना गन्ने के जूस का अच्छा विकल्प है। नारियल पानी पीने से स्वास्थ्य के साथ हाजमा भी बढिया रहता हैं और शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाता है।

पानी की थैली भी पीने से बचे

शहर में अलग-अलग नामों से कई पाउच कंपनी अपने प्रोडक्ट बेच रही हैं। पाउच पर पैकिंग डेट से 30 दिन में उपयोग के निर्देश लिखे हैं, लेकिन इन पाउच पर पैकिंग दिनांक कहीं भी प्रिंट नहीं है, जिससे इसकी एक्सपायरी का पता नहीं चलता। लेकिन डॉक्टर इसे भी न पीने की सलाह देते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इन पाउचों में पानी कैसे और कहां का है इसकी शुद्धता की जांच नहीं होती, कहीं बोर तो कहीं टैंकर से उपलब्ध पानी पाउच में पैक किया जाता है। कभी-कभी तो पाउचों में से बदबूदार पानी भी निकलता है, जिसे व्यक्ति संक्रमण बीमारी से ग्रस्त हो जाता है।



 यहां बिक रही है खुले आम बीमारी
दिल्ली में कटे हुए फल और खुले गन्ने के जूस पांबदी होने के बाद भी खुलेआम यह धंधा चल रहा है। राजधानी के विभिन्न इलाकों में और प्रमुख भीड़-भाड़ इलाकों में कटे फल और गन्ने के जूस की रहेड़ी आसानी से देखी जा सकती हैं। आनंद विहार बस अड़डा, आनंद विहार रेलवे स्टेशन, लक्ष्मी नगर, शकरपुर, कश्मीरे गेट बस टर्मिनल, त्रिलोकपुरी, कल्याणपुरी, लोकनायक अस्पताल आदि स्थानों पर कटे फल और जूस वालों ने कब्जा कर रखा है।

लाईसेंस की दुकानों पर भी रखें सफाई का ख्याल स्वास्थ्य विशेषज्ञ नगर निगम से लाईसेंस प्राप्त दुकानों से भी जूस पीने के लिए सावधानी बरतने की सलाह देते है। विशेषज्ञों का कहना है कि लाईसेंस प्राप्त दुकानों पर जूस पीते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि वहां के फलों पर मक्खियां तो नहीं बैठी हुई है। अगर वहां मक्खियां बैठी हुई तो जूस पीने परहेज करे।
 

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