Friday, October 12, 2012

प्रिये अगर तुम हमेशा के लिए मेरी हो जाओं तो इस मिलन पर सहित्य की रचना कर दूं...


एक फेसबुक पोस्ट पर तुम्हारे लिए जो प्रतिक्रिया आई तुम खुद देख लो
  • Markandey Pandey पहले आप साहित्‍य की रचना कर दो फिर मिलन भी हो जायेगा
    22 hours ago · Unlike · 1
  • Nihal Singh Arya Markandey Pandey सर जी रचना का आनंद तो मिलन के बाद ही आएगा.. क्योंकि मै समझता हूं कि मेरे और प्रिये के मिलन के बाद ही साहित्य पूरा समझा जाएगा..
    22 hours ago · Edited · Like · 1
  • Tarun Vats Patrakaar mahoday achanak se sahihtyakaar banne ke ichhuk kse ..

    Kher,
    Aap hmpe chup raho,Ham aap par Kuch na kahein..
    Bas itna hi karte raho
    Taki Tum aur tmhari 'Priye' sath rahein..wink
    Dkho hm b shayar ho gye....
  • Nihal Singh Arya शायरी तो हमे भी आती हैं लेकिन वो शायरी सार्वजनिक मंच पर सार्वजनिक नही करुगा..
    22 hours ago · Like · 1
  • Avenesh Singh पहली बार हुआ था जिस दिन मुझको तेरा स्पर्श प्रिए,
    वही छुंअन महसूस हुआ करती है अब हर बार प्रिये।
    जब भी तुझे सोचता हूँ तुम एक गजल बन जाती है,
    मैं रोज कहानी लिखता हूं जिसकी तुम हो किरदार प्रिये।
    22 hours ago · Edited · Unlike · 4
  • Markandey Pandey अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की
    तुम क्या समझो तुम क्या जानो बात मेरी तन्हाई की

    कौन सियाही घोल रहा था वक़्त के बहते दरिया में
    मैंने आँख झुकी देखी है आज किसी हरजाई की
    22 hours ago · Unlike · 1
  • Nihal Singh Arya Avenesh Singh सर जब मैं अपनी रचनी लिखूगा तो इस कमेंट का जिक्र भी जरुर करुगा... आभार..
    22 hours ago · Like · 2
  • Nihal Singh Arya Markandey Pandey वाह सर क्या लिखा है...
    22 hours ago · Like · 1
  • Markandey Pandey अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको
    मैं हूँ तेरा नसीब अपना बना ले मुझको - निहाल आपके उस सुंदर मिलन के लिये दो पंक्तियां
    22 hours ago · Unlike · 1
  • Mehak Upadhyay kya pyr h nihal ji
    21 hours ago · Unlike · 1

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