Tuesday, September 3, 2024

टोल टैक्स वसूली में आप ने लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप, अब फिर से सदन में है यह प्रस्ताव



-टोल कंपनी को प्रदूषण के कारण व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर देनी है छूट

-मई माह की बैठक में प्रस्ताव को कमिश्नर के पास भेज दिया था वापस


निहाल सिंह, नई दिल्ली 

राजधानी में वायु प्रदूषण के कारण वर्ष 2021-22 में व्यावसायिक वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगने से टोल राजस्व में कमी आने की बात कही गई थी। टोल प्रबंधन ने कहा था कि राजस्व में कमी आने के कारण उसे निगम को दिए जाने वाले पैसे में छूट प्रदान किया जाए। उस दौरान भाजपा शासित निगमों में स्थायी समिति में यह प्रस्ताव आए थे तो विपक्ष में होने के चलते आम आदमी पार्टी ने इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। टोल वसूली की पूरी प्रक्रिया आप के निशाने पर थी। अब इस प्रस्ताव पर निर्णय बृहस्पतिवार को होने वाली सदन की बैठक में लिया जाना है। अगर, यह प्रस्ताव पास होता है तो आप द्वारा टोल वसूली में तत्कालीन भाजपा शासन पर लगाए गए गड़बड़ी के आरोप पर क्लीन चिट मिल जाएगी। अगर, आप ने इसमें जांच की सिफारिश की तो दिल्ली में नई राजनीतिक लड़ाई शुरू होगी। वहीं,  इस मामले में आप का पक्ष मांगा गया जो कि उपलब्ध नहीं हो सका।

वैसे जिस प्रस्ताव पर जांच करानी चाहिए थी वह प्रस्ताव आप के शासन में आने के बाद एक बार निगमायुक्त को वापस भेजा जा चुका है। अब यह प्रस्ताव भी फिर से सदन में है। दिल्ली नगर निगम के एकीकरण के बाद केंद्र द्वारा नियुक्त विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी। निगम ने विशेष अधिकारी के सामने यह प्रस्ताव सात जुलाई, 2022 को पेश किया था। इस पर उन्होंने 11 जुलाई, 2022 को कई आब्जर्वेशन लगाकर निगमायुक्त को भेज दिया था। इसके बाद निगम ने फिर यह प्रस्ताव विशेष अधिकारी के सामने पेश किया, लेकिन फिर उन्होंने इसमें कई आब्जर्वेशन लगाकर वापस भेज दिया। इसके बाद जब आप के सत्ता में आने के बाद करीब तीन माह पहले यह प्रस्ताव निगम सदन के सामने आया तो इसे आप ने फिर निगमायुक्त को भेज दिया। आप ने इसे निगमायुक्त को वापस भेजने के पीछे कोई ठोस वजह नहीं बताई थी। 

उल्लेखनीय है कि भाजपा शासित पूर्वकालिक दक्षिणी निगम की स्थायी समिति ने 31 मार्च, 2022 को इससे संबंधित प्रस्ताव पारित किया था। उस दौरान आप ने इसका विरोध करते हुए इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। साथ ही यह भी कहा था कि सत्ता में आने के बाद इसकी जांच कराई जाएगी। सूत्र बताते हैं कि विशेष अधिकारी ने जिस दौरान छूट का क्लेम किया है उसकी आरएफआइडी से संबंधित रिपोर्ट पेश करने को कहा था। इसमें पहले से ज्यादा व्यावसायिक वाहनों का प्रवेश होने की बात भी उठी थी। बता दें कि राजधानी में 124 टोल नाके हैं। इसमें 13 टोल नाकों पर आरएफआइडी लगी है। निगम ने एक निजी कंपनी सहकार ग्लोबल को टोल वसूली का कार्य 786 करोड़ रुपये सालाना में दे रखा है। निगम ने जो प्रस्ताव सदन के सामने रखा है उसमें यह तो नहीं लिखा कि कितने रुपये की छूट दी जानी है। लेकिन औसतन एक दिन में दो करोड़ रुपये का टोल बनता है। ऐसे में निगम 112 दिन का टोल माफ करता है तो इससे दौ सौ करोड़ से ज्यादा की राशि बनेगी। 


बाक्स 

डीएनडी पर विज्ञापन पर भी लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, अभी तक नहीं शुरू हुई जांच

आम आदमी पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए टोल टैक्स में वसूली के साथ ही दिल्ली नोएडा दिल्ली  (डीएनडी) फ्लाइवे पर लगने वाले विज्ञापनों पर भी सैकड़ों करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, लेकिन अभी तक इस मामले में भी कुछ विशेष प्रगति नहीं हुई है। 


कब से कब तक दी जानी है छूट

समय सीमा- दिन 

-14 जून से 1  अगस्त 2021 तक- 48

-18 नवंबर से 28 नवंबर 2021 तक- 10

-29 नवंबर से 19 दिसंबर 2021- 20

-27 दिसंबर से 30 जनवरी 2022-34

टोल टैक्स वसूली में आप ने लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप, अब फिर से सदन में है यह प्रस्ताव

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